कोरोना काल में स्वर्णाभूषणों पर हॉलमार्क की अनिवार्यता एक साल और स्थगित हो

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कोटा। कोरोना महामारी में सर्राफा व्यापार प्रभावित होने के कारण सोने के जेवरों पर हाॅलमार्क की अनिवार्यता को फिर एक साल के लिये स्थगित करने व 20 कैरेट शुद्धता वाले जेवरों को भी हाॅलमार्क की श्रेणी में जोड़ने की मांग को लेकर श्री सर्राफा बोर्ड ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से गुहार लगाई है।

सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने कहा कि हमारे देश में कोरोना महामारी की सेकेण्ड लहर फैल गयी है। जिसके अंतर्गत देश के अधिकांश शहरों में लाॅकडाउन (Lockdown) जैसी स्थिति हो गई है। इससे माल की आपूर्ति लगभग बंद हो गई है। वैवाहिक कार्यक्रमों पर बंदिशें लगा दी गई हैं, जिसके कारण ज्वैलरी सेक्टर बिल्कुल आहत हो चुका है। कारोबार प्रभावित होने के साथ-साथ सीजन भी खत्म हो रहा है।

विचित्र ने बताया कि भारत सरकार द्वारा देश में अंतरराष्ट्रीय लंदन बेस्ड हाॅलमार्क स्टैण्डर्ड को 14, 18 और 22 कैरेट के बने जेवरों को हॉलमार्क की मान्यता दी गई है। इसे आगामी जून माह में अनिवार्य रुप से देश में लागू किया जा रहा है। सर्राफा बोर्ड के सचिव विवेक कुमार जैन ने कहा कि हम देश के सर्राफा व्यवसायी सोने के जेवरों पर हाॅलमार्किंग मानक का स्वागत करते हैं। किन्तु देश के सर्राफा व्यवसायी श्री सर्राफा बोर्ड कोटा के माध्यम से सरकार तक अपनी मांग पहुंचाना चाहते हैं।

20 कैरेट भी हॉलमॉर्का में शामिल हो: उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा लागू इन मानकों के अनुरुप इन विषम परिस्थितियों में व्यापार करने में हमें बेहद असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अतः देश के छोटे और मध्यम सर्राफा व्यवसायियों की मांग है कि भारत सरकार एक अन्य मानक 20 कैरेट भी लागू करायें। इस शुद्धता के जेवर वजन में हल्के और मजबूत होते हैं। साथ ही ये जलवायु से अपरिवर्तित भी हैं। 20 कैरेट शुद्धता के बने जेवर देश के अधिकतर राज्यों में पूर्व से ही चलन में है और लोकप्रिय हैं।

स्वर्ण रजत कला उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश सोनी और थोक सर्राफा विक्रेता व्यवसायिक संघ के अध्यक्ष अरुण जैन ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री और उपभोक्ता मामलात मंत्री से भी पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना महामारी के चलते हम व्यापारियों की मनोदशा को समझते हुये हाॅलमार्किंग को फिलहाल 1 साल के लिये टाला जाये। स्वर्ण आभूषणों पर एक अन्य हाॅलमार्किंग कैटेगरी 20 कैरेट पर भी उपभोक्ता मामलात एवं वाणिज्य मंत्रालय से लागू करायें। ज्ञातव्य है कि इससे पहले भी पिछले साल लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों से हॉलमार्क की अनिवार्यता को छह माह के लिए स्थगित कर दिया था।