नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से पिछले 6 सालों में सरकार को मोटी कमाई हुई है। फ्यूल पर केन्द्र सरकार की ओर से लगाया जाने वाला टैक्स पिछले 6 साल में 307 फीसदी बढ़ गया है। यानी सरकार का खजाना भी इस टैक्स कलेक्शन से इन 6 सालों में 300 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है कि केंद्र में मोदी सरकार के आने के पहले साल 2014-15 के दौरान पेट्रोल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर उत्पाद शुल्क से 42,881 करोड़ रुपये अर्जित किए गए। मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने अप्रैल-जनवरी के दौरान पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल टैक्स कलेक्शन बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया। बुधवार को कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पेट्रोल डीजल पर टैक्स को लेकर सरकार पर तंज कसा।
दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स आप ले रहे हैं
राज्यसभा में टैक्सेशन पॉलिसी पर बोलते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने गोस्वामी तुलसीदास के रामायण का जिक्र किया। कांग्रेस सांसद ने कहा तुलसीदास के दोहा बरसत हरसत सब लखें, करसत लखे न कोय। तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय’। इसका अर्थ है राजा को कर ऐसे लेना चाहिए कि जनता को पता नहीं चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां इसके उलट हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जब लेना होता है तो ऐसे लेते हैं कि जेब पर भारी चोट पड़ती है। ऐसा कि जिससे वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाते हैं। जैसे डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के ऊपर दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स आप ले रहे हैं। जब देना होता है तो ऐसे देते हैं जैसे आपने कोरोना में 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया। आज तक उस पैकेज का क्या हुआ? किस घर में कितना पहुंचा पता ही नहीं चला।
12.2% बढ़ा टैक्स
वित्त वर्ष 2014-15 में पेट्रोल, डीजल और नेचुरल गैस पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 5.4 फीसदी की वृद्धि हुई थी। चालू वित्त वर्ष में यह बढ़ोतरी 12.2 फीसदी रही है। जबकि महामारी के काल में क्रूड की वैश्विक कीमतें 20 सालों के लो पर आ गई थीं। सरकार द्वारा दिए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले 6 सालों में पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से सरकार को हुई कमाई कुल मिलाकर 307.3% बढ़ी है। पेट्रोल पर टैक्स से सरकार का रेवेन्यु 206% और डीजल पर टैक्स से 377% बढ़ा है।
6 साल पहले कितना था केन्द्रीय उत्पाद शुल्क
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में पेट्रोल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty) 9.48 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर था। यह शुल्क अब बढ़कर 32.90 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी तरह डीजल पर साल 2014 में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर लग रहा था, जो अब बढ़कर 31.80 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच चुका है।
24 मार्च को घटी पेट्रोल-डीजल की कीमत
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी से बुधवार 24 मार्च को बड़े दिनों बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी दर्ज की गई है। दिल्ली में पेट्रोल प्रति लीटर 18 पैसे और डीजल 17 पैसे सस्ता हुआ है। बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 90.99 रुपये और डीजल 81.30 रुपये प्रति लीटर पर आ गया। इससे पहले लगातार 24 दिनों तक इनमें कोई बदलाव नहीं हुआ। फरवरी 2021 में लगातार 16 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी, जिससे लगभग हर शहर में दोनों ईधनों के दाम ऑल टाइम हाई (All Time High) पर चल रहे थे।