जयपुर। प्रदेश में कोरोना महामारी से बढ़ी आर्थिक तंगी के बीच जनता को एक और झटका लगने जा रहा है। अब पेट्रोल- डीजल के बाद प्रदेशवासियों की जेब पर एक और भार पड़ने जा रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं बिजली बिल की । अब बिजली बिल में हर उपभोक्ता को 7 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त राशि देनी होगी। दरअसल राज्य के बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूला जाएगा। यह राशि अप्रेल में जारी होने वाले बिल में जुड़कर आएगी। मंगलवार को बिजली कंपनी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसके जरिए बिजली कंपनियां की उपभोक्ताओं से 112 करोड़ रुपए वसूली होगी।
इसलिए हो रहा है ऐसा
आपको बता दें कि राज्य में 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से कृषि उपभोक्ता 13 लाख, बीपीएल श्रेणी के 16 लाख और छोटे घरेलू कनेक्शनधारी (50 यूनिट से कम खपत वाले) 41 लाख हैं। इन उपभोक्ताओं के फ्यूल सरचार्ज की राशि सरकार वहन करेगी क्योंकि सब्सिडी का भार भी सरकार उठा रही है। हालांकि अप्रत्यक्ष रूप से इसका भार भी आमजन पर पड़ेगा। लेकिन आने वाले भार की राशि सरचार्ज के तौर पर वसूला जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार यह राशि पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसम्बर तक उपभोग की गई बिजली यूनिट के अनुरूप जुड़ेगी।
अब तक लगभग 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त भार
आपको बता दें कि प्रदेश की जनता पर अब तक फ्यूल सरचार्ज के रूप में लगभग 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त भार आ चुका है। बीते कुछ वर्षों में बिजली कंपनियों ने विद्युत उत्पादन कर रही कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली खरीदी। इसके चलते करोड़ों का अतिरिक्त भार कंपनियों पर पड़ा है। घाटे और वित्तीय भार की भरपाई अब कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं से कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि अडानी पावर को कोयला भुगतान मामले में 2700 करोड़ का भार 1.20 करोड़ उपभोक्ताओं पर डाला जा चुका है। लिहाजा जयपुर, अजमेर व जोधपुर तीनों डिस्कॉम्स के उपभोक्ताओं से 36 माह तक 5 पैसे प्रति यूनिट गणना के आधार पर वसूली कर रहे हैं।