फरवरी में खुदरा महंगाई बढ़कर 5.03% पर, जनवरी में औद्योगिक उत्पादन 1.6% रहा

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नई दिल्ली। फरवरी 2021 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.03% पर पहुंच गई है। जनवरी 2021 में यह 4.06% पर थी। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

शहरी क्षेत्र में ज्यादा रही महंगाई
NSO की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2021 में शहरी क्षेत्र में खुदरा महंगाई ज्यादा रही है। इस अवधि में शहरी क्षेत्र में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.96% रहा है। जनवरी में यह 5.13% था। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में फरवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 4.19 रहा है। जबकि जनवरी में यह 3.13% रहा था।

फूड और तेल की कीमतें बढ़ने का दिखा असर
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में आए उछाल के लिए फूड और तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को वजह बताया जा रहा है। जनवरी में फूड की कम कीमतों की वजह से कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में कमी दर्ज की गई थी। देश के कुल कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में फूड की 45.9% हिस्सेदारी है। उभरते बाजारों में यह सबसे ज्यादा है।

कोर इन्फ्लेशन रेट 5.88% पर पहुंचा
फरवरी 2021 में कोर इन्फ्लेशन रेट भी 5.88% पर पहुंच गया है। पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कोर इन्फ्लेशन के रेट को लेकर चिंता जता चुका है। RBI ने वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.2% रहने का अनुमान जताया है। अक्टूबर 2016 से मार्च 2020 के दौरान कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का औसत 3.9% रहा है।

कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स भी दोगुना हुआ
फरवरी में कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) भी दोगुना होकर 3.87% पर पहुंच गया है। जनवरी में यह 1.96% था। फरवरी में शहरी क्षेत्र में CFPI 5.63% और ग्रामीण क्षेत्र में 2.89% रहा है। जनवरी में यह शहरी क्षेत्र में 3.36% और ग्रामीण क्षेत्र में 1.11% रहा था।

जनवरी में औद्योगिक उत्पादन भी गिरा
NSO की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2021 में देश में औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट आई है। जनवरी में औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स (IIP) गिरकर -1.6% पर पहुंच गया है। इस गिरावट के साथ देश का औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स निगेटिव जोन में पहुंच गया है।

क्रूड की कीमतों के कारण बना रहेगा महंगाई का जोखिम
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च राहुल गुप्ता का कहना है कि फूड और तेल की कीमतों में तेजी के कारण फरवरी में महंगाई बढ़ी है। वैश्विक स्तर पर क्रूड की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अभी और महंगाई का जोखिम रहेगा। मौजूदा महंगाई दर RBI के लक्ष्य की रेंज में है। लेकिन अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में महंगाई से निपटने के लिए उपाय करने होंगे। औद्योगिक उत्पादन जनवरी में 1.04% लुढ़कर निगेटिव जोन में पहुंच गया है। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां अभी मजबूत दिख रही हैं और इसकी ज्यादा डिमांग है। इसलिए ग्रोथ आगे भी बना रहेगा।