मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक लदी कार के मामले में मुंबई पुलिस के जांच अधिकारी सचिन वाझे ही सवालों के घेरे में हैं। विपक्ष के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एपीआई सचिन वाझे की गिरफ्तारी की मांग की है। महाराष्ट्र विधानसभा में फडणवीस ने दावा किया कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक कार घटना से पहले चार महीने तक वाझे के पास थी।
कार के मालिक हिरेन मनसुख पिछले दिनों मृत पाए गए हैं। फणडवीस ने कहा कि मनसुख हिरेन की पत्नी को शक है कि सचिन वाझे ने उनके पति की हत्या की। फडणवीस ने मनसुख हीरेन की पत्नी का बयान पढ़ते हुए कहा कि वाझे ने हिरेन को सलाह दी थी कि वह खुद की गिरफ्तारी कराल ले और वह आसानी से बेल दिला देगा। हालांकि, उसकी पत्नी ने इससे अलग राय दी और हिरेन अग्रिम जमानत के लिए राय-विचार कर रहा था। फडणवीस ने कहा कि उसकी पत्नी को शक है कि वाझे ने ही हिरेन की हत्या की और इसलिए उसे गिरफ्तार किया जाए।
फडणवीस ने यह भी दावा किया कि मनसुख हिरेन के फोन की आखिरी लोकेशन शिवसेना नेता धनंजय गावडे के दफ्तर के पास मिली थी। शिवसेना नेता धनंजय गावडे और एपीआई सचिन वाझे का नाम 2017 में उगाही केस में आया था। फडणवीस के बयान पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और फिर कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। जिस समय फणडवीस आरोप लगा रहे थे उस दौरान सदन में विपक्षी विधायकों ने ‘ये सरकार खूनी है’ के नारे लगाए।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे पहले भी विवादों में रहे हैं। 2002 घाटकोपर बम ब्लास्ट केस के आरोपी ख्वाजा युनूस की हिरासत में मौत की वजह से 14 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ सस्पेंड किए गए वाझे ने 2007 में सेवा छोड़ दी थी। दोबारा बहाली की अपील खारिज होने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान पुलिसकर्मियों की कमी की वजह से जून 2020 में उन्हें दोबारा बहाल कर दिया गया।
फडणवीस ने इससे पहले भी विधानसभा में कहा था कि सचिन वाझे और हिरेन पहले से संपर्क में थे। दोनों ठाणे के रहने वाले थे। उन्होंने हिरेन को इस केस की अहम कड़ी बताते हुए कहा था कि उनकी जान को खतरा हो सकता है, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही हिरेन का शव मिला था।