बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मी एवं अधिकारियों ने प्रदर्शन किया

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file photo

कोटा। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आव्हान पर शुक्रवार को शाम 5.15 बजे बैंक कर्मी एवं अधिकारियों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की गोवर्धनपुरा सर्किल शाखा के समक्ष विशाल संख्या में प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान बैंक कर्मी नेताओं ने बताया कि बैंकों के निजीकरण से सबसे ज्यादा असर देश के आम जन पर पड़ने वाला है। क्योंकि जिस प्रकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं, ऐसा निजी बैंकों द्वारा संभव नहीं है। राष्ट्रीयकरण के पूर्व निजी बैंक सिर्फ बड़े पूंजीपतियों के लिए कार्य करते थे तथा कृषि तथा छोटे व्यापारियों की तरफ उनका ध्यान नहीं था।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक लगातार लाभ कमा कर दे रहे हैं। परंतु उनका लाभ एनपीए के कारण दिखाई नहीं देता। बैंक कर्मी एवं अधिकारियों ने प्रदर्शन में बैंकों के निजीकरण के बजाय उनको मजबूत करने की मांग की है। बैंक कर्मी एवं अधिकारियों के साथ साथ महिला बैंक कर्मियों ने 15 व 16 मार्च की बैंक हड़ताल के समर्थन में भी नारे लगाए।

इस अवसर पर बैंक कर्मी नेता ललित गुप्ता, रमेश सिंह, डीएस साहू, आरबी मालव, अनिल ऐरन, डीके गुप्ता, हेमराज सिंह गौड़, हर्षा महावर तथा अधिकारी नेता आरके जैन, प्रमोद माथुर, हेमराज धाकड़, प्रवीण सिंह और योगेश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। फोरम के संयोजक पदम पाटोदी ने बताया कि 22 फरवरी को बैंक कर्मी एवं अधिकारी काले बेज लगा कर कार्य करेंगे।