यूसी ब्राउजर यूजर और डिवाइस की जानकारी चीन में रखे रिमोट सर्वर में भेजता है।
मुंबई। चीन में बने स्मार्टफोन के बाद वहां की कंपनियों के मोबाइल ऐप पर केंद्र सरकार का ध्यान गया है। चीनी कंपनी अलीबाबा की स्वामित्व वाली यूसी ब्राउजर (UC Browser) पर आरोप है कि वो भारत का डाटा लीक कर रही है।
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अली बाबा भारत में अपनी सर्विसेज तेजी से बढ़ा रहा है। अली बाबा का मोबाइल प्लेटफॉर्म UC Browser ने भी देश में निवेश किया है और इसका न्यूज ऐप भी है।
यूसी ब्राउजर देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए गए ब्राउजर में से एक है। सरकार अली बाबा की कंपनी यूसी ब्राउजर की जांच कर रही है। जांच का मकसद यह जानना है कि यह ब्राउजर कैसे यूजर की लोकेशन और डेटा रिमोट सर्वर में भेजता है।
सरकार डेटा सिक्योरिटी के मामले पर लगभग सभी चीनी कंपनियों के हैंडसेट की जांच करनी शुरू की है। मंत्रालय ने 28 कंपनियों से 28 अगस्त तक इस मामले में जवाब देने को कहा है। यूसी ब्राउजर यूजर और डिवाइस की जानकारी चीन में रखे रिमोट सर्वर में भेजता है।
इन जानकारियों में अंतरराष्ट्रीय मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी यानी (आईएमएसआई) और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल इक्विप्मेंट आइडेंटिटी यानी (आईएमईआई) जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक वाईफाई के जरिए मोबाइल इंटरनेट यूज करने के दौरान फोन और ऐक्सेस प्वॉइंट की नेटवर्क इनफॉर्मेशन भी रिमोट सर्वर में भेजे जाते हैं। यूसी ब्राउजर ने भारत के करीब 50 फीसदी ब्राउजर बाजार पर कब्जा किया हुआ है।
पेटीएम, स्नैपडील में भी लगा है अलीबाबा का पैसा
यूसी ब्राउजर अलीबाबा के मोबाइल कारोबार समूह का हिस्सा है। अलीबाबा ने भारत में पेटीएम व इसकी पैतृक कंपनी वन97 में काफी बड़ा निवेश किया है। इसके अलावा उसने स्नैपडील में भी पैसा लगाया है।
यूसी ब्राउजर ने पिछले साल दावा किया था कि भारत व इंडोनेशिया में उसके 10 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय उपभोक्ता हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में गूगल क्रोम के बाद यूसी ब्राउजर दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर है।
गौरतलब है कि 2015 के मई महीने में भी टोरंटो विश्वविद्यालय ने पहली बार यूसी ब्राउज की सुरक्षा पर सवाल उठाया था। अगर हैदराबाद की लैब की जांच में आरोप सही साबित हुए तो सरकार इस ऐप के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
इससे पहले स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनियों पर भी डेटा चोरी करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया जा चुका है।मालूम हो कि भारत सरकार ने चीनी मोबाइल कंपनियों पर पहले ही नजर टेढ़ी कर चुकी है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को नोटिस भेजा गया है। इसमें पूछा गया है कि आखिर उन्होंने डाटा लीक से लेकर साइबर सुरक्षा के लिए फोन में क्या इंतजाम किए हैं।