नई दिल्ली। बजट में किये गए प्रावधानों से हर बार की तरह इस बार भी कुछ चीजें सस्ती हुई हैं, तो कुछ महंगी। लेकिन ऐसी बहुत सारी चीजें नहीं हैं, जिन पर असर पड़ा हो। जैसा बहुत पहले हुआ करता था। सोना-चांदी, बर्तन, लेदर के सामान सस्ते होंगे, जबकि मोबाइल, सोलर इनवर्टर और गाड़ियां महंगी होंगी। दरअसल तीन साल पहले आए GST ने सामानों और सर्विसेज को महंगा-सस्ता करने की ताकत बजट से छीन ली है।
अब 90% चीजों की कीमत GST तय करता है। लेकिन विदेश से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी का असर रहता है और इसकी घोषणा बजट में की जाती है। इसलिए पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी और इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स जैसे- शराब, फुटवियर, सोना-चांदी, इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट्स, मोबाइल, कैमिकल, कारें, टोबेको जैसी चीजों की कीमत पर बजट घोषणाओं का असर पड़ता है। इन पर ही सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाती या घटाती है। इस बजट में भी वित्त मंत्री ने यही किया है।
क्या महंगा हुआ है और क्या सस्ता…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ ऑटो पार्ट्स पर 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 15% कर दी है, इससे गाड़ियां महंगी होंगी। सोलर इनवर्टर महंगा होगा, क्योंकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी 15% बढ़ाई गई है। मोबाइल फोन के चार्जर और हेडफोन पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% बढ़ाई है। इससे ये चीजें भी महंगी होंगी।
सोने-चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5% कम की गई है। इससे ज्वैलरी सस्ती होगी। स्टील प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5% कम कर दी गई है। तांबे पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% घटाई गई है। चुनिंदा लेदर को कस्टम ड्यूटी से हटा दिया गया है। इससे लेदर के प्रोडक्ट सस्ते होंगें।
मोबाइल से जुड़े उपकरणों पर 2.5% तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई
मोबाइल, चार्जर, हेडफोन और महंगे होंगे। क्योंकि सरकार ने विदेश से आने वाले मोबाइल और उससे जुड़े उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% तक बढ़ा दी है। पिछले 4 साल में सरकार ने इन प्रोडक्ट्स पर औसतन करीब 10% तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। इससे देश में मोबाइल फोन का प्रोडक्शन करीब तीन गुना तक बढ़ गया है, लेकिन ये चीजें महंगी हुई हैं। 2016-17 तक देश में 18,900 करोड़ रुपए के मोबाइल फोन बनते थे। 2019-20 में देश में 1.7 लाख करोड़ रुपए के फोन बनने लगे।
भारत में हर साल 35 करोड़ मोबाइल फोन बन रहे हैं
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोशिएशन के मुताबिक भारत में मोबाइल फोन प्रोडक्शन की 268 यूनिट हैं। यहां हर साल 35 करोड़ मोबाइल फोन बन रहे हैं। इन यूनिट्स में 6.7 लाख लोगों को नौकरी मिली हुई है।
2017 तक विदेश से 7.57 करोड़ मोबाइल फोन आयात होते थे। 2019 में यह घटकर 2.69 करोड़ रह गए। इससे पता चलता है कि मोबाइल फोन पर कंस्टम या इंपोर्ट ड्यूटी यानी टैक्स बढ़ाने से भारत में फोन बनने की रफ्तार काफी बढ़ गई है।
टैबलेट के जरिए पेश किया बजट
अपने पहले कार्यकाल से ही डिजिटल इंडिया पर जोर देने वाली मोदी सरकार ने इस बार बजट पेश करने के तरीके में भी बदलाव किया है। पहली बार वित्त मंत्री ने डिजिटल इंडिया के अपने अभियान में एक कदम और बढ़ाते हुए टैबलेट के जरिए संसद में बजट भाषण पेपरलेस बजट पढ़ा है । सोमवार सुबह 11 बजे बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लाल रंग के कपड़े में ढके टैबलेट के साथ तस्वीर खिंचवाते हुए भी नजर आई थीं।