नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान वह पल भी आया जब राजपथ पर पहली बार लड़ाकू विमान राफेल ने अपना दम दिखाया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर हर भारतवासी के लिए वह 34 सेकंड गौरव से भरे क्षण थे। राफेल ने 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। राफेल कुछ महीने पहले ही भारतीय वायु सेना का हिस्सा बना है।
राफेल को स्क्वॉड्रन लीडर किस्लयकांत के साथ शौर्य चक्र विजेता 17 स्क्वॉड्रन के कमांडिंग अफसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह उड़ा रहे थे। राफेल लड़ाकू विमान ने फ्लाइ पास्ट के अंत में अपने करतब दिखाया। राफेल के साथ मिग-29 और दो जगुआर विमान भी नजर आए। राफेल ने इस बार वर्टिकल चार्ली फॉर्मेंशन में अपना दम दिखाया।
क्या होता है वर्टिकल चार्ली?
बता दें कि युद्ध स्थल पर लड़ाकू विमान दुश्मनों का सफाया करने के साथ-साथ खुद को बचाने के भी प्रयास करते हैं। हर पायलट अपने विमान को बचाने के लिए कई तरह के करतब दिखाता है ताकि दुश्मन उस पर सीधा निशाना न लगा सके। इसी में एक करतब को वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन कहते हैं।