सरकारी गेहूं खरीद में 3.90 करोड़ का घोटाला

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  • किसानों से गेहूं खरीदने के बाद जो गेहूं एफसीआई के गोदाम में जमा करवाया दोनों के बीच 3.90 करोड़ रुपए की कीमत से ज्यादा के गेहूं का अंतर आ रहा है।
  • गेहूं खरीद से जुड़े सभी रिकॉर्ड भी टीम ने जब्त कर लिया है। गोदाम के साथ-साथ इस टीम ने क्षेत्रीय कार्यालय में भी जाकर जांच की।

कोटा / जयपुर। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का गेहूं खरीदने के लिए भामाशाह मंडी में खुले एफसीआई के क्रय केंद्र पर तैनात कर्मचारियों ने गेहूं खरीद में 3.90 करोड़ रुपए का घोटाला कर डाला।

एफसीआई के एक कर्मचारी ने जब 81 लाख रुपए की रकम अपने खाते में जमा की तो घोटाले का खुलासा हुआ। बड़े घोटाले में खुद को फंसता देख एफसीआई रीजन ऑफिस के अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

गोदाम में जमा ही नहीं किया खरीदा गया गेहूं 
एफसीआई ने वर्ष 2017-18 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए भामाशाहमंडी में खरीद केन्द्र खोला था। खरीद कार्य के लिए एफसीआई ने दो अधिकारियों व आठ कर्मचारियों को इस केंद्र पर तैनात किया था। सभी कर्मचारी क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर रामावतार मीणा, पेमेंट ऑफीसर राजेश गुर्जर के अधीन तैनात किए गए थे।

इन लोगों ने किसानों से गेहूं खरीदने के बाद जो गेहूं एफसीआई के गोदाम में जमा करवाया दोनों के बीच 3.90 करोड़ रुपए की कीमत से ज्यादा के गेहूं का अंतर आ रहा है। इतना ज्यादा गेहूं गायब होने की बात जब सामने आई तो एफसीआई में हड़कंप मच गया और बड़े घोटाले की आशंका के चलते मामले की हाई प्रोफाइल जांच कराई गई।

गोदाम सीज, रिकॉर्ड जब्त
जयपुर स्थित एफसीआई के महाप्रबंधक कार्यालय को जब घोटाले की जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत आला अधिकारियों के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित कर दी। इस टीम ने शनिवार को जयपुर से कोटा आकर एफसीआई के गोदामों में जमा स्टॉक का सत्यापन किया।

जहां उन्हें स्टॉक में गेहूं कम मिला तो गोदाम सीज कर दिए गए। इसके साथ ही गेहूं खरीद से जुड़े सभी रिकॉर्ड भी टीम ने जब्त कर लिया है। गोदाम के साथ-साथ इस टीम ने क्षेत्रीय कार्यालय में भी जाकर जांच की और वहां मिले दस्तावेज भी जब्त कर लिए। क्षेत्रीय कार्यालय के खरीद और लेखा अनुभाग के अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया गया है।

खाते में रकम डलवाने वाला कर्मचारी निलंबित
जांच में सामने आया कि सहायक श्रेणी द्वितीय कर्मचारी नरेश मीणा गेहूं खरीद केंद्र पर किसानों के भुगतान का काम देखता था। वह एफसीआई के खाते से किसानों के खातों में रुपए डलवाता था।

नरेश ने एफसीआई के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से करीब 81 लाख रुपए की मोटी रकम अपने खाते में डलवा ली है। जांच के बाद मीणा को निलम्बित कर दिया है। अन्य कर्मचारियों की जांच की जा रही है। क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से पुलिस में भी रिपोर्ट दी है।