- आपके बैंक खाते से हुए गलत ट्रांजैक्शन का पता चलने के बाद अगर आप तुरंत हैल्प डेस्क को सूचित कर पाए तो आपकी रकम तुरंत तो वापस नहीं मिल पाएगी। लेकिन आपकी दी गई जानकारी के आधार पर ट्रांजैक्शन को ट्रेस करते हुए ठगों तक पुलिस पहुंच सकती है। इसके बाद रकम की रिकवरी हो सकती है।
जयपुर। नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेन-देन में तेजी आई है, साथ ही ऑनलाइन आर्थिक अपराध भी बढ़ गए हैं। ऐसी ही वारदातों से निपटने के लिए जयपुर कमिश्नरेट की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) ने अमेरिका, इजरायल की कंपनियों के साथ मिलकर इस तरह का सेटअप लगाने की तैयारी की है।
जिससे सिर्फ ऑनलाइन ठगी करने वालों को ट्रेस कर पकड़ा जा सकेगा, बल्कि पीड़ित सही समय पर सूचना देगा तो 10 मिनट में उसके खाते में पैसे वापस लाए जा सकेंगे। एफएएसएल ने इसके लिए एडवांस सेंटर साइबर हैल्प डेस्क का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। इस पर नौ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
जानिए ऑनलाइन ठगी के बाद कैसे वापस मिलेंगे आपके पैसे
- ठग आपको फोन कर या ई-मेल पर बैंक खाते, क्रेडिट/डेबिट कार्ड की डिटेल मांगते हैं। आप जानकारी दे देते हैं तो खाते से ऑनलाइन पैसा निकालते हैं।
- इस ट्रांजैक्शन की सूचना एसएमएस से मिलने के बाद आपको ठगी का पता चलता है।
- आपको इस गलत ट्रांजैक्शन की जानकारी तुरंत कॉल कर हैल्प डेस्क पर देनी होगी। वहां मौजूद कर्मचारी खाते ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारी लेगा और एडवांस सेंटर को फॉरवर्ड करेगा।
- एक्सपर्ट खाते से निकली रकम को से ट्रेस करेंगे। वह चाहे बैंकिंग प्रोसेस में हो या दूसरे खाते में पहुंच चुकी हो, एक्सपर्ट ट्रांजैक्शन को रोकेंगे और 10 मिनट में रकम आपके खाते में वापस जाएगी।
- एक्सपर्ट जिस खाते में रकम जानी थी या गई, उसे पुलिस की मदद से ब्लॉक करेंगे और उसकी जानकारी निकालेंगे। इसके बाद खाता मालिक के बारे में पता लगाएंगे।