काेटा काे कोविशील्ड की 17 हजार डोज मिलेगी, एक वाॅयल में 10 लाेगाें काे लगेगा

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कोटा। वैक्सीनेशन के पहले चरण के लिए काेटा काे काेविशील्ड वैक्सीन मिलेगी। पहले चरण में वैक्सीन की 17000 डाेज (1700 वाॅयल) मिलेगी जा रही है। अगले दाे-तीन दिन में ये वाॅयल काेटा काे मिल जाएगी। कोविशील्ड काे एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसका प्रोडक्शन कर रही है।

काेविशील्ड की मल्टी डाेजेज वाॅयल हाेगी। एक वाॅयल में 5 एमएल खुराक हाेगी, प्रति व्यक्ति 0.5 एमएल खुराक लगनी है, एक वाॅयल में 10 लाेगाें काे टीका लग पाएगा। काेटा में 17 हजार हैल्थ वर्कर्स का काेविन एप पर रजिस्ट्रेशन हाे चुका है, ऐसे में उनकी पहली डाेज के लिए 1700 वाॅयल मिलने जा रही है।

हालांकि यह उपलब्धता पर निर्भर करेगा कि भारत सरकार यदि दाेनाें डाेज (प्रत्येक लाभार्थी को 28 दिन बाद दूसरी डोज भी लगेगी) की वैक्सीन एक साथ देती है तो कोटा को 34000 डाेज एक साथ मिल जाएगी। वैक्सीन का पूरा निगरानी तंत्र कोविन एप से संचालित होगा। प्रत्येक जिले को तय डाेज से 10 प्रतिशत वाॅयल अतिरिक्त दी जाएगी, जो प्रोटोकॉल के हिसाब से निर्धारित है।

क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन में अक्सर कुछ वॉयल्स की टूट-फूट या खराबी की आशंका होती है। वैक्सीन की चाेरी या मिसयूज के लिए लिहाज से भारत सरकार व राज्य सरकार ने अलग से एसओपी भी जारी की है। काेटा में 16 जनवरी काे 12 साइट्स पर वैक्सीन की लाॅन्चिंग हाेगी, जिसमें से 7 साइट्स शहरी व 5 साइट्स ग्रामीण क्षेत्राें में चिह्नित की गई है। वैक्सीनेशन केंद्रों पर 104 व 108 एंबुलेंस भी उपलब्ध रहेगी।

मिसयूज किया ताे जेल जाना तय

  1. कोविड-19 वैक्सीन का उपयोग केवल राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 और नियम 1945 के अनुसार, कोविड-19 वैक्सीन का कोई भी अनाधिकृत भंडारण/वितरण/खरीद या बिक्री दंडनीय अपराध है। ऐसा करते पाए जाने पर जिला ड्रग कंट्रोलर या प्राधिकृत अधिकारी को सूचित करना हाेगा। जिला औषधि नियंत्रकाें काे भी जिला टास्क फोर्स में शामिल किया जाएगा।
  2. वैक्सीन के दुरुपयोग की रिपोर्ट व संबंधित फॉलोअप कार्यवाही के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। स्टॉक प्राप्त या सप्लाई के समय सभी वैक्सीन वायलों का भौतिक सत्यापन (गिनती) करें व कोविन सिस्टम में स्टॉक के साथ मिलान करें। अंतर होने पर परियोजना निदेशक-टीकाकरण/जिला प्रजनन व शिशु स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित करना हाेगा।
  3. टूटी हई या क्षतिग्रस्त वैक्सीन की वाॅयल की सूचना मेडिकल ऑफिसर/वैक्सीन स्टोर प्रभारी को देनी हाेगी और मेडिकल ऑफिसर/प्रभारी द्वारा वाॅइल की भौतिक जांच, गणना व फोटो के साथ प्रमाण परियोजना निदेशक-टीकाकरण/जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी को भेजकर सूचित करना हाेगा। कोविन सिस्टम में वैक्सीन वाॅयलों के टूटने या किसी भी कारण से खराब होने की सूचना भी दर्ज करनी हाेगी।
  4. परिवहन के दौरान 10 से अधिक वाॅयलों के नुकसान के लिए जवाबदेही, सप्लाई करने वाले स्टोर प्रभारी की रहेगी। आपूर्ति स्टोर द्वारा कोल्ड बॉक्स की उचित पैकिंग के अलावा वाॅयलों कोे नुकसान से बचाने के के लिए वैन में कोल्ड बॉक्स के उचित स्टैकिंग करनी होगी।
  5. टीका लगने के बाद सभी या आंशिक रूप से उपयोग की गई एवं खाली कोविड-19 वैक्सीन वाॅयलों को कोल्ड चेन पॉइंट पर उसी दिन वापस पहुंचाना हाेगा और सप्लाई की गई कुल वाॅयलों के साथ मिलान किया जाएगा। जिन्हें बिना खुली वैक्सीन वाॅयलों की तरह माना जाएगा।
  6. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशानुसार सभी खाली/आंशिक रूप से उपयोग की गई वैक्सीन वाॅयलों का निपटान किया जाना है, यह सुनिश्चित करते हुए कि इसके लेबल या खाली वाॅयलों का दुरुपयोग न हो।
  7. कोल्ड चेन पॉइंट के प्रभारी द्वारा सत्र स्थल से वैक्सीन कैरियर की वापसी के तुरंत बाद अनुपयोगी और खाली वैक्सीन वाॅयलों का निगरानी में सुरक्षित निपटान किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा वैक्सीन भंडार की चाैबीस घंटे सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था व परिवहन के दौरान वैक्सीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
  8. कोल्ड चेन रूम तक केवल अधिकृत व्यक्ति ही जा सकेंगे। जिलों के बीच कोविड-19 वैक्सीन ले जाने वाले वाहनों को कोल्ड चेन पॉइंट छोड़ने से पहले सील किया जाएगा और केवल प्रभारी के सामने खोला जाएगा। वैक्सीन स्टोरेज पॉइंट पर वैक्सीन का रिकाॅर्ड, वैक्सीन स्टॉक रजिस्टर व वैक्सीन वितरण रजिस्टर में एंट्री होगी।
  • 140 रुपए प्रति लाभार्थी के हिसाब से बजट देगी केंद्र सरकार- वैक्सीनेशन प्रोग्राम की लॉन्चिंग की डेट तय करने के साथ ही केंद्र सरकार ने बजट का भी ऐलान कर दिया है। केंद्र सरकार प्रति लाभार्थी 140 रुपए के हिसाब से बजट देगी। इससे लॉजिस्टिक, प्रचार-प्रसार, वैक्सीनेटर्स आदि के खर्च किए जाएंगे। अधिकारियों की मानें तो यह बजट पर्याप्त है। आम तौर पर किसी भी टीकाकरण में इतना पैसा नहीं मिलता, पिछली बार मीजल्स-रूबेला कैंपेन में प्रति लाभार्थी 11-12 रुपए दिए थे।