कोटा में कोचिंग-स्कूल शुरू कराने एवं नाइट कर्फ्यू हटाने के लिए मुहिम जरूरी : मित्तल

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कोटा। दी एसएसआई एसोसिएशन की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर एवं पूर्व अध्यक्षों की आज संपन्न हुई बैठक में कोरोनाकाल में ठप्प हुई गतिविधियों के बारे में चिंतन हुआ।  इस अवसर पर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने कहा कि पिछले एक वर्ष में व्यापार, उद्योग जगत एवं हॉस्टल व्यवसाय को भारी नुकसान हुआ है। शहर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है।

सबसे बड़ा नुकसान पिछले 10 माह से कोचिंग का बंद होना है। इससे हजारों करोड़ों का निवेश खतरे में पड़ गया है। साथ ही हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। बार-बार के लॉकडाउन से वर्तमान में लगे नाइट कर्म्यू से व्यापार, उद्योग पूरी तरह प्रभावित हो गया है।

मित्तल ने कहा कि कोटा का व्यापार उद्योग जगत कभी भी राज्य एवं केंद्र सरकार जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन से टकराव नहीं चाहता। हमारा प्रयास राजनीति एवं जात-पात से ऊपर उठकर शहर का सर्वांगीण विकास हो। कोरोना काल में कोटा के व्यापारियों-उद्यमियों ने जन सेवा के एक मिसाल कायम की है, जो प्रदेश केें किसी भी क्षेत्र में देखने को नहीं मिली है।

वर्तमान में हमारी मुख्य मांगे  कोटा में हवाई सेवा, कोटा को पर्यटन नगरी एवं औद्योगिक विकास प्रमुख रूप से है। हवाई सेवा के लिए हमारे सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं राज्य सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल मिलकर सयुक्त प्रयास कर रहे हैं, जिससे निश्चित ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल द्वारा कोटा को पर्यटन के रूप में देश में अपनी पहचान बनाने के लिए किए जा रहे विकास कार्य भी एक सराहनीय कदम है।

उन्होंने कहा कि कोटा का सबसे बड़ा व्यवसाय कोचिंग है। अन्य प्रदेशों में स्कूल कोचिंग संस्थान शुरू हो जाने से आने वाले समय में कोटा में छात्रो  की तादाद में भारी कटौती हो सकती है। इसलिए सभी  ने मिलकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह मुहिम चलाई है। जो राजनीति से परे है यह मुहिम शहर की चिंता को लेकर सभी वर्गों के हितों को देखते हुए चलाई जा रही है  जिस पर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए।

बैठक में कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव एवं दी एसएसआई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी ने कहा कि हम पूरी तरह आशावान थे, कि राज्य सरकार द्वारा दिए गये संकेत से एक-दो दिन में राज्य में कोचिंग स्कूल खुल जाएंगे। साथ ही कोरोना का प्रभाव भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। यहां के हॉस्टल व्यवसाय कोरोना गाइड लाइन की पालना करने में किसी भी तरह की कमी नहीं रख रहे हैं। कोटा के सभी व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठन एवं हॉस्टल एसोसिएशन इसकी पालना करती है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता एवं सचिव ईशान्त अरोड़ा ने कहा कि हमने कोटा व्यापार महासंघ के साथ मिलकर सबसे पहले पुरूषार्थ भवन में बैठक कर इस मुहिम की शुरुआत की थी, जो शहर के लिए अति आवश्यक थी। क्योंकि शहर की अर्थव्यवस्था इस तरह से चरमरा गई है कि कई उद्यमियों ने हॉस्टल व्यवसाय में अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी का निवेश किया है।

औद्योगिक पतन एवं उद्योगों के बंद होने के बाद उन्होंने अपनी फैक्ट्री को बेचकर हॉस्टल के व्यवसाय में बैंकों से कर्ज लेकर हॉस्टल व्यवसाय शुरू किया। पिछले 10 माह से चल रहे लॉकडाउन को लेकर व्यापारी उद्यमी पूरी तरह से कर्जे में डूब गए हैं।  कई तरह के आपस में विवाद पैदा हो गए, जिससे निपटाना ही मुश्किल हो रहा है। बंद होते उद्योगों से बेरोजगार हुए कर्मचारियों को हमने हॉस्टल में रोजगार देकर उनकी रोजी-रोटी का इंतजाम किया थाहैं।             

एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष जम्बु कुमार जैन ने कहा कि इसी तरह नाइट कर्फ्यू एवं बार-बार होने वाले लॉकडाउन एव कोरोना काल का भय एवं आवागमन में बाधाएं होने के कारण सब कुछ अस्त व्यस्त हो गया है। सभी वर्गो को चिन्ता सताने लगी है कि नए वर्ष की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन अभी भी कोटा की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आई।

हाडौती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि कोटा में कोटा स्टोन का व्यापार प्रायः समाप्त हो गया है। सैकड़ों इकाइया बंद हो गई है। उद्यमी अपनी फैक्ट्री को बेचना चाहे तो भी वह भी नहीं बिक रही हैं। क्योंकि मनी सरकुलेशन पूरी तरह से जाम हो गया है। अतः सरकार को शीघ्र ही तुरंत प्रभाव से सभी वर्गों को राहत देने के लिए यहां पर स्कूल, कोचिंग खोलने एवं नाइट कर्फ्यू को हटाने का निर्णय लेना चाहिए।

एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विट्ठल दास मूंदड़ा, सुरेश बंसल, अनिल मूंदड़ा, अशोक अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल, राजकुमार खूबचंदानी, बीएल गुप्ता, कमलदीप सिंह, प्रेम भाटिया एवं पवन लालपुरिया ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में हमारी संस्था ने जन जन जागृति में कोई कमी नहीं रखी। इसी का परिणाम है कि कोरोना काल में न तो हमने आद्योगिक क्षेत्र में किसी को भूखा सोने दिया, न हीं यहां पर कोरोना को फेलने दिया। यह सब हमारे सदस्यों द्वारा किए गए जन सेवा के कार्य से ही संभव हो सका है। लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार ने किसी भी प्रकार की छूट हमारे व्यापार- उद्योग जगत को नहीं दी। मात्र ऐसी घोषणाए की जो आज तक अमल में नहीं लाई गई। 

बैठक में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमित सिंघल, दीपक मेहता, मनीष बंसल, राजकुमार जैन, रवि खंडेलवाल, के०पी० सिंह, कोषाध्यक्ष अनीश बिरला, सचिव मनीष माहेश्वरी, रवि निमोदिया ,समीर सूद, शैलेश जैन, उमेश गोयल एवं कार्यकारिणी सदस्यों में अभिनव गोयल ,अंकित अग्रवाल, आशीष बिरला, भुवन गोड, इंद्रजीत सिंह कन्हैया शर्मा, कौशल बंसल, कुलदीप माथुर ,पीयूष मित्तल, डॉक्टर आरबी गुप्ता ,रोनक कपूर, संदीप साहू, तेजेंद्र सिंह, विनोद शर्मा ,आशीष बिरला, जितेश कचोलिया, हिमांशु पारीक, इंद्रजीत सिंह मनोज कुमार सोनी, निर्मल गोयल, नितिन गुप्ता, नितिन खूबचंदानी, राहुल न्याति, रजत अजमेरा, शुभम अग्रवाल, सूर्या राजावत,वेदांत तुल्सयान, विनय पांडेय अच्चल पोद्दार सहित कई पदाधिकारी एवं उद्यमी उपस्थित थे।