दो दिवसीय राजस्थान डिजिफेस्ट का कोटा में आगाज़, आईटी प्रतिभाओं के महाकुंभ में आज भी मिलेगा मौका
कोटा । आईआईटी रूड़की से आए छात्र निर्मल की टीम राजस्थान में संचालित भामाशाह योजना को महिलाओं, खासकर ग्रामीण महिलाओं के लिए बहुउद्देशीय बनाने की दिशा में काम करना चाहतीे है। वह ऎसा मोबाइल एप बनाएंगे जिससे महिलाएं भामाशाह कार्ड को डेबिट कार्ड की तरह भी काम ले सकेंगी।
वे यहाँ देश-विदेश में शिक्षा नगरी के रूप में खास पहचान बना चुके कोटा में पहली बार हो रहे आईटी प्रतिभाओं के इस महाकुंभ में भाग लेने आये हैं। देश के विभिन्न प्रान्तों से सूचना प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं अन्य तकनीकी विषयों के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं । निर्मल कहते हैं कि सरकार का यह प्रयास प्रतिभाओं को स्वर्णिम अवसर दे रहा हैै।
राजस्थान में डिजिटल क्रांति के बढ़ते कदमों को जन-जन तक पहुंचाने और नव प्रतिभाओं के नवाचारों से इसे अधिक समृद्ध बनाने की मंशा से दो-दिवसीय राजस्थान डिजिफेस्ट कोटा-2017 का उत्साही आगाज गुरूवार को कोटा के यूआईटी ऑडिटोरियम में हुआ।
आईटी प्रतिभाओं के इस महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रान्तों से सूचना प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं अन्य तकनीकी विषयों के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं और साथ ही विभिन्न विषय विशेषज्ञ तथा स्टार्ट अप से जुड़ी हस्तियां भी इस समारोह में नव प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दे रही हैं।
ऎतिहासिक पहल
राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के तत्वावधान में आयोजित डिजिफेस्ट की शुरूआत ‘हेकाथॅान 2.0’ के साथ हुई, जिसमें लगभग 800 कोडर्स एवं विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और नवाचार का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रतियोगिता लगातार 24 घंटे चलेगी।
क्या है ‘हैकाथॉन 2.0’
‘हैकाथॉन 2.0’ में देश भर के विभिन्न इंजीनियरिंग व तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थी ऑनलाइन व ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन के माध्यम से शामिल हुए हैं। ये प्रतिभागी भामाशाह योजना, ई-मित्र, इंटरनेट ऑफ थिंग, ब्लॉग चेन एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि विषयों पर एप्लीकेशन के माध्यम से नवाचार व उपयोगी सुझाव इस 24 घंटे की अवधि के दौरान प्रस्तुत कर रहे हैं।
हैकाथॉन में शामिल विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत एप्लीकेशन की संकल्पना, उपयोगिता, डिजाइन एवं क्रियान्वयन संभाविता के आधार पर शीर्ष टीमों को चुना जाएगा एवं विशेषज्ञों द्वारा उनका साक्षात्कार लेने के पश्चात् विजेताओं का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
स्मार्ट पार्किंग के लिए एप
नई दिल्ली से आए हर्ष निगम स्मार्ट पार्किंग के लिए एप बनाना चाहते हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से मददगार होगा। यह सुविधादायी एप समय की भी बचत करेगा।
चेन्नई की रूपा आर्टिफिशियल इंडल्जेंस पर काम करते हुए ऎसा एप बनाना चाहती हैं जो व इस बेस्ड होगा और पूछी गई सूचनाएं त्वरित रूप से प्रदान करेगा। चेन्नई की ही डॉक्टर मीनाक्षी अपने विद्यार्थियों की टीम के साथ यहां आई हैं। यह टीम स्मार्ट डस्टबिन पर काम कर रही है।
महिला सहायता ट्रेकिंग
पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बडौदा से हेकाथॉन में भाग ले रही शिखा रथ ने बताया कि उनकी टीम भामाशाह पोर्टल को महिला ट्रेकिंग सिस्टम एप्लीकेशन के माध्यम से लिंक करना चाहती है।
इसके माध्यम से महिलाएं यात्रा करते समय अपनी लोकेशन जीपीएस द्वारा ऑनलाइन ट्रेकर स्टेटस द्वारा पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगी। इसे सीएम हेल्पलाइन से भी लिंक किया जा सकता है।