“जीएसटी अधिनियम के तहत प्रत्येक उद्योग 31 मार्च 2017 तक के अपने स्वयं के रिफंड के हकदार होंगे।”
नई दिल्ली । कैबिनेट ने सीजीएसटी रिफंड स्कीम को 27,413 करोड़ रूपए के बजटीय आवंटन के साथ मंजूरी दी है। यह केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) वापस (रिफंड) करने की एक योजना है। इसका फायदा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर और उत्तर-पूर्व की औद्योगिक इकाइयों को साल 2027 तक मिलेगा।
कैबिनेट ने सीजीएसटी रिफंड स्कीम को बजटीय आवंटन के साथ मंजूरी दी है। यह फार्मा, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। ये इकाइयां, जिन्हें अब तक 10 वर्षों के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क से छूट मिली थी उन्हें अब सीजीएसटी का 58% रिफंड मिलेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “जीएसटी अधिनियम के ढांचे के भीतर प्रत्येक उद्योग इस विशेष अवधि (31 मार्च 2017 तक) के दौरान अपने स्वयं के रिफंड तंत्र के हकदार होंगे।” 1 जुलाई से लागू हुई नई कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत छूट के लिए कोई प्रावधान नहीं है।