काठ के कारीगर, पत्रकार व आर्मी के सेवाभावी डोनर्स ने किया प्लाज्मा डोनेशन

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कोटा। टीम जीवनदाता के प्रयास से बुधवार को तीन लोगों ने प्लाज्मा डोनेशन किया और 6 लोगों के जीवन को बचाने का प्रयास किया। इन तीन लोगों में एक काठ का कारीगर, पत्रकार और आर्मी मुख्यालय के कर्णधार शामिल हैं। कोटा में अब तक 305 प्लाज्मा डोनेशन हो चुके हैं। टीम संयोजक व लायंस क्लब के जोन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि काठ के कारीगर स्वामी विवेकानंद नगर निवासी ए पॉजीटिव सौरभ जांगिड़ (30)ने टीम जीवनदाता के सहयोग से तीसरी बार प्लाज्मा डोनेशन किया।

सौरभ एक बेहद सामान्य वर्ग के होने के बाद भी सेवा को अपना संस्कार मानते हैं। गुप्ता ने कहा कि उन्होंने तीसरी बार प्लाज्मा डोनेशन कर दो मरीजों के जीवन को बचाने का प्रयास किया। बुधवार सुबह से ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को प्लाज्मा की आवश्यकता थी, ऐसे में मरीज के परिजन प्लाज्मा के लिए भटक रहे थे, उन्हें कहीं भी प्लाज्मा नहीं मिल रहा था।

ऐसे में संदेश प्राप्त होते ही उसे वायरल किया तो जांगिड अपने कार्य को छोड़कर सीधे एमबीएस ब्लड बैंक पहुंचे और प्लाज्मा डोनेशन किया। इस कार्य से उनके मालिक भी उनके इस कार्य से प्रसन्न हुए। जांगिड ने कहा कि परेशानी कैसी भी हो उसका समाधान नहीं होता तब तक मन में कई विचार चलते रहे हैं। ऐसे में किसी के जीवन को बचाने की बात हो जो काम महत्व नहीं रखता। उन्होंने कहा कि वह टीम जीवनदाता के साथ मिलकर निरंतर प्लाज्मा डोनेशन करते रहेंगे।

वहीं दूसरी बार प्लाज्मा डोनेशन करने वाले आर्मी मुख्यालय स्टेशन क्षेत्र के सीएसबीओ, नम्रता आवास निवासी युगल किशोर खत्री ओ पॉजीटिव ने मरीज को आवश्यकता होने की बात पर तुरंत ही स्वीकृति दी और प्लाज्मा डोनेशन के लिए पहुंच गए। इससे पहले उन्होंने अपने इंजीनियर बेटे के साथ प्लाज्मा डोनेशन किया था। उन्होंने कहा कि मदद करने का कोई दायरा नहीं होता जितनी मदद लोगों की करेंगे उतना ही जीवन में संतोष बढ़ता जाएगा। इस अवसर पर नितिन मेहता, एडवोकेट महेन्द्रा वर्मा, हेमराज जांगिड़ का विशेष सहयोग रहा।

लेखनी और करनी दोनो ही उपयोगी
गुप्ता ने बताया कि बुधवार को दो लोगों ने प्लाज्मा डोनेशन किया जिसमें पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले महावीर नगर विस्तार योजना निवासी एबी पॉजीटिव अभिषेक ओझा ने भी अपनी लेखनी के साथ करनी को भी महत्व दिया। औझा ने बताया कि वह प्लाज्मा और मरीज की परेशानी को भलीभांती समझते हैं। ऐसे में किसी के जीवन को बचाने से बडी करनी नहीं हो सकती। भुवनेश गुप्ता ने कहा कि चार मरीजों को प्लाज्मा की आवश्यकता होने पर दोनो डोनर सहज ही तैयार हो गए और प्लाज्मा डोनेशन किया।