स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम पहले संबोधन में बोले राष्ट्रपति कोविंद
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कोविंद ने कहा कि 2022 तक भारत न्यू इंडिया बनेगा जहां गरीबी की कोई जगह नहीं होगी।
राष्ट्रपति ने बेटा-बेटी में भेद मिटाने का आह्वान करते हुए कहा कि परिवार के साथ-साथ समाज और राष्ट्र निर्माण के बारे में भी सोचना चाहिए।
आजादी के दीवानों को किया याद
कोविंद ने कहा, ‘आजादी दिलाने वाले देश के महापुरुषों को हम नमन करते हैं। देश के लिए जान देने वाले भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं भूल सकते हैं।
पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, भीमराम आंबेडकर जैसे महान नेताओं ने देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया। हमारी आजादी में महिला और पुरुष दोनों का योगदान था।’
उन्होंने कहा, ‘हमें जिस पीढ़ी ने आजादी दिलाई उसका दायरा बड़ा था। नैतिकता पर आधारित नीतियों को लागू करने पर उनका जोर था। विरासत, विज्ञान में उनकी आस्था थी।
नागरिकों और सरकार के बीच साझेदारी की योजना थी। व्यक्ति और समाज के बीच साझेदारी, परिवार और बड़े समूह के बीच साझेदारी की भावना थी।’
राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन की अहम बातें
- देश में गरीबी का उन्मूलन जरूरी है।
- न्यू इंडिया में गरीबी के लिए जगह नहीं है।
- 2022 में देश आजादी की 75वीं वर्षगाठ मनाएगा।
- उस समय तक हर परिवार के लिए घर, मांग के मुताबिक बिजली, बेहतर सड़कें, संचार के साधन, रेल का विकास, तेज और सतत विकास।
- यह सभी हमारे डीएनए में रचे बसे।
- देश के लोग समग्र प्रक्रिया में सहभागी बनें।
- संवेदनशील समाज सभी को अपने में समाहित करें।
- सभी देश से कटे हुए लोगों को आपस में जोड़ना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
- संवेदनशील समाज में बेटा-बेटी और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।
- कुपोषण को खत्म करने लिए प्रयास करना चाहिए।
- प्रत्येक भारतीय अपनी क्षमताओं को विकसित करने में खुद का आगे बढ़ाए।
ऐसा देश बने जहां हर भारतवासी सुखी हो।’