जयपुर। आयुर्वेद भारत की विरासत है। इसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है। ये हमारे लिए खुशी की बात है कि पारंपरिक ज्ञान, अब दूसरे देशों को भी समृद्ध कर रहा है। यह गर्व की बात है कि WHO ने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन बनाने के लिए भारत को चुना है। आयुर्वेद दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी तरह के विचारों के जरिए देश को संबोधित किया।
वहीं इस दौरान उन्होंने गुजरात और राजस्थान में आयुर्वेद इंस्टीट्यूशन की शुरुआत की। उन्होंने गुजरात के जामनगर में इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद (ITRA) और जयपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (NIA) का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत को ट्रेडिशनल मेडिसिन और आयुर्वेद की इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैं डब्लयूएचओ और मेरे मित्र डॉ. ट्रेडोस का भी हृदय से आभार व्यक्त कर रहा हूं
राजस्थान और गुजरात के लिए आज विशेष दिन
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन राजस्थान और गुजरात के लिए विशेष है, क्योंकि आज यहां आज आयुर्वेद के विस्तार को लेकर कार्य हो रहा है। उन्होंने आगे कि युवाओं के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस जामनगर और जयपुर में खुले इन इंस्टीट्यूट में आयुर्वेद की उच्च शिक्षा का ज्ञान मिल सकेगा। ऐसे में आयुर्वेद में उच्च शिक्षा, रिसर्च और स्किल डवलपमेंट से जुड़ें इन बेहतरीन संस्थानों के लिए राजस्थान-गुजरात के अलावा सभी राज्यों को बहुत- बहुत बधाई।
हम ग्लोबल लीडरशिप की भूमिका निभाएंगे
पीएम मोदी ने कहा कि जामनगर और जयपुर के आयुर्वेद इंस्टीट्यूट्स के जरिए देश को उम्मीद है कि 21वीं सदी में आयुर्वेद को बढ़ावा देने में हम ग्लोबल लीडरशिप की भूमिका निभाएंगे। 2016 से हर साल धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने आयुर्वेद पर नई रिसर्च की बढ़ावा देने और मेडिकल एजुकेशन इंटीग्रेशन के संबंध में भी विचार रखे।