पत्रकार अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर फैसला आज संभव

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मुंबई। इंटीरियर डिजायनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के फर्जी केस में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और दो अन्य की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाया जाएगा। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की पीठ ने शनिवार को दिनभर चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

वरिष्ठ पत्रकार अर्नब और दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नीतीश शारदा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दायर की है। इस पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा था कि आरोपी चाहें तो जमानत के लिए सत्र न्यायालय में आवेदन कर सकते हैं।

लेकिन शनिवार को ही हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देर रात जारी नोटिस में कहा गया कि इस मामले में पीठ नौ नवंबर को दोपहर तीन बजे के बाद अपना फैसला सुनाएगी। अर्नब गोस्वामी और अन्य दो को रायगढ़ जिले की अलीबाग पुलिस ने बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां द्वारा की गई कथित आत्महत्या से संबंधित मामले में चार नवंबर को गिरफ्तार किया था। फिलहाल, वे 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।

अलीबाग से तलोजा जेल भेजे गए अर्नब
अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर फैसला शनिवार को नहीं आने के बाद रविवार को उन्हें अलीबाग से तालोजा जेल भेज दिया गया। इस मामले में जांच अधिकारी जमील शेख ने कहा कि अर्नब अलीबाग क्वारंटीन सेंटर में सोशल मीडिया पर एक्टिव थे। साथ ही वह किसी और का फोन इस्तेमाल कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हम उनका फोन पहले ही सील कर चुके हैं। मैंने अलीबाग जेल सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखा है कि वह मामले की जांच रिपोर्ट बनाएं कि अर्नब को क्वारंटीन सेंटर में मोबाइल फोन कैसे उपलब्ध हुआ। रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलोजा जेल भेजा गया है। इस दौरान अर्नब गोस्वामी ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जान को खतरा है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय मामले में हस्तक्षेप करे।