मुंबई। Republic TV के एडिटर इन चीफ औऱ एंकर अर्णब गोस्वामी ने अब मुंबई पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अर्णब गोस्वामी ने चैनल पर चल रहे शो के दौरान मुंबई पुलिस कमिश्नर को नया नाम दे दिया है। अर्णब ने कहा कि ‘किसी नेताओं की सपोर्ट नहीं है हमे जरुरत भी नहीं क्योंकि पूरा देश इस दिशा में आगे बढ़ रहा है अब मेरे सवाल अब देश के सवाल बन चुके हैं…सुन लो ‘परमपराजित’ मेरे सवाल देश के सवाल बन चुके हैं और प्रतिज्ञा है हमारी की तुम्हारी षड्यंत्र जनतंत्र को खत्म करने की तुम्हारी साजिश…इसका पर्दाफाश हो चुका है..
इसलिए पूछता है सारा भारत कि आखिर किसे बचाने के लिए बेबी पेंग्विन को बचाने के लिए क्या परमपराजित हमारे खिलाफ अंग्रेजों के बनाए हुए कानून का सहारा ले रहे हैं। शो के दौरान अर्णब गोस्वामी ने कहा कि अगर मुंबई पुलिस के पास हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो किस आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। जितनी पूछताछ रिपब्लिक भारत के साथ हो गई है…उतनी पूछताछ सुशांत केस या पालघर केस में क्यों नहीं की गई। अगर परमपराजित के अफसरों पर गवाहों पर दबाव डालने के आरोप हैं तो उनपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?’
आपको बता दें कि फेक टीआरपी घोटाले में फंसे रिपब्लिक टीवी और इसके संपदाक, एंकर और रिपोर्टरों की मुसीबत कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी की एडिटोरियल टीम के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।इन पर मुंबई पुलिस को कथित तौर पर बदनाम करने का आरोप है।
रिपब्लिक टीवी की एडिटोरियल टीम के खिलाफ एफआईआर करने वाले शिकायतकर्ता सब इंस्पेक्टर शशिकांत पवार हैं। सब इंस्पेक्टर शशिकांत पवार ने अपनी शिकायत में रिपब्लिक टीवी की डेप्युटी एडिटर सागरिका मित्रा, डेप्युटी एडिटर शावन सेन, एंकर शिवानी गुप्ता,कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी का नाम लिखा है।
पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक चैनल ने उन खबरों को हवा दी जो पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ पुलिस कर्मियों में असहमति पैदा की। पुलिस ने दावा किया कि मुंबई पुलिस के जवान परम बीर सिंह के खिलाफ विद्रोह कर रहे थे, और उनके आदेश को स्वीकार्य नहीं कर रहे थे। जितनी पूछताछ रिपब्लिक के साथ हो रही है, परमबीर सिंह ने सुशांत और पालघर केस में उतनी पूछताछ क्यों नहीं की? एनएम जोशी मार्ग पुलिस ने रिपब्लिक की एडिटोरियल टीम के खिलाफ पुलिस एक्ट 1922 की धारा 3 (1) और आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) और धारा 34 के तहत केस दर्ज किया गया है।