मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर पहले दिन से ही सवाल उठते आए हैं। कुछ लोग शुरू से ही इसे हत्या मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि सुशांत के गले में पाए गए निशान आत्महत्या की थ्योरी को प्रमाणित नहीं करते। इसलिए इस आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता कि सुशांत का गला घोंटा गया हो सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इधर एम्स के डॉक्टरों का मानना है कि सुशांत के गले पर जख्म के निशान सीधे हैं जो कि ऊपर की तरफ होना चाहिए था।
ऐसे में कैसे आत्महत्या मान लिया गया। इस मामले को लेकर सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले कूपर अस्पताल के डॉक्टरों से पूछताछ की जा चुकी है। लेकिन सवाल अब भी कायम है कि सुशांत मामले में गला दबाकर हत्या की आशंका को आसानी से क्यों खारिज कर दिया गया?
सुशांत सिंह राजपूत को जहर दिया गया था या नहीं, इसका पता लगाने के लिए एम्स की फॉरेंसिक टीम विसरा टेस्ट कर रही है। मामले में एम्स में फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख और सुशांत केस में गठित मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष (प्रो) डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा है कि एम्स फोरेंसिक बोर्ड जहर की जांच करने के लिए विसरा परीक्षण कर रहा है। दस दिनों के भीतर इसका परिणाम आ जाएगा।
रिपोर्ट से पता चलेगा कि सुशांत के खून में कोई ड्रग्स है या नहीं? सुशांत सिंह राजपूत का विसरा दिल्ली एम्स पहुंच चुका है। इसे प्लेन के जरिए मुंबई से लाया गया है। एम्स की पांच सदस्यीय डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड इस विसरा की जांच करेगा।
क्या होता है विसरा?
विसरा जांच के लिए मृतक के पेट के भीतर से सैंपल लिया जाता है। इस दौरान मृतक की आंत, किडनी और दिल आदि का सैंपल लिया जाता है, इसे ही विसरा कहते हैं। ये जांच संदिग्ध मौत के मामलों में की जाती है। विसरा के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि मौत कैसे हुई और इसकी वजह क्या थी?