देश की GDP वृद्धि दर गिर कर 23.9 प्रतिशत पर पहुंची

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मुंबई। जीडीपी के मोर्चे पर भारत को जबरदस्त झटका लगा है। पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर -23.9 प्रतिशत रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था में बीते 40 साल में पहली बार ऐसी गिरावट आई है। कोरोना महामारी के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन से पूरी तरह ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों ने अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका दिया है। जी-20 अर्थव्यवस्था में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन जीडीपी के मामले में रहा है।

कृषि की वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत रही है
आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में माइनिंग सेक्टर की वृद्धि दर 23.3 प्रतिशत गिरी है। एक साल पहले समान तिमाही में 4.7 प्रतिशत की गिरावट थी। इसी तरह मैन्युफैक्चरिंग में 3 प्रतिशत की तुलना में 39.3 प्रतिशत की गिरावट दिखी है। कृषि की वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत इस दौरान रही है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर की वृद्धि दर में 50.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक साल पहले समान तिमाही में इसमें 5.3 प्रतिशत की वृद्धि थी।

आरबीआई ब्याज दरों में कटौती टाल सकता है
आंकड़ों के मुताबिक ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सेक्टर की वृद्धि दर में 47 प्रतिशत की गिरावट दिखी है। इलेक्ट्रिसिटी में 7 प्रतिशत की गिरावट रही है। इन आंकड़ों के बाद विश्लेषकों का मानना है कि अब आरबीआई ब्याज दरों में कटौती को दिसंबर तक टाल सकता है। हालांकि इससे पहले महंगाई का भी स्तर आरबीआई देखेगा।

एक साल पहले जीडीपी की वृद्धि दर 5 प्रतिशत थी
सरकार ने सोमवार को लॉकडाउन तिमाही यानी अप्रैल-जून 2020 के जीडीपी आंकड़े जारी किए। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ रेट -23.9 फीसदी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत, जबकि दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.7 और एक साल पहले पहली तिमाही में 5 प्रतिशत थी।

लॉकडाउन का गंभीर असर दिखा
कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च के महीने में देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया गया था। पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच पूरी तरह से देश भर में लॉकडाउन के चलते उद्योग धंधे बंद हो गए। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ठप पड़ गया। अलग -अलग एजेंसियों ने भी कहा कि देश में सकल घरेलू उत्पाद में बेतहाशा कमी आई है और रोजगार के आंकड़ों में भी बड़ी गिरावट दिख सकती है।

पहले ही 20 प्रतिशत तक गिरावट की आशंका जताई गई थी
हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक सर्वेक्षण में कहा गया था कि जून तिमाही में देश की जीडीपी में 21.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इसी तरह घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने इस दौरान जीडीपी में 20 फीसदी और एसबीआई के ईकोरैप ने 16.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई थी।