नई दिल्ली। कार खरीदना ज्यादातर लोगों के लिए एक बड़ा ख्वाब होता है। और कई लोगों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि भी हो सकती है। एक कार लेने की पूरी प्रक्रिया में टेस्ट ड्राइव, पैसे का इंतजाम करना, कार के लिए लोन प्राप्त करना, बीमा खरीदना एक समय के लिए रोमांचक अनुभव हो सकता है। इसके अलावा वाहन बीमा पॉलिसी भी आवश्यक है।
भारत में वाहन चोरी एक बड़ी और गंभीर समस्या है, इसके लिए बीमा पॉलिसी कार चोरी के बदले सुरक्षा प्रदान करती है। गौरतलब है कि व्यापक बीमा पॉलिसी प्राकृतिक आपदाओं या मानव निर्मित आपदाओं जैसे कि आग, बाढ़, भूकंप, बिजली, चोरी, दुर्भावनापूर्ण कार्य, दंगा, हाउसब्रेकिंग, आदि की वजह से वाहन और उसके सामान को होने वाली चोरी, वित्तीय नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है।
सबसे पहले FIR दर्ज करवाएं
सबसे पहले आपको तुरंत FIR दर्ज करवाना चाहिए, जैसे ही आपको चोरी के बारे में पता चलता है, नजदीक के पुलिस स्टेशन पर जाएं और एक प्राथमिकी दर्ज करें। एक बार एफआईआर दर्ज होने के बाद आपको अपनी कार बीमा कंपनी को कार चोरी के संबंध में सूचित करना होगा। आपको चोरी के बारे में नजदीक के (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय/आरटीओ) को भी सूचित करना होगा।
दावे का फॉर्म भरें
उसके बाद क्लेम फॉर्म भरना है। आपको अपने बीमाकर्ता के ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल करने और दावा फ़ॉर्म जमा करवाना होगा। फॉर्म में भरी जाने वाली जानकारी में कार डिटेल, पॉलिसी नंबर साथ ही घटना का समय तारीख और विसतृत जानकारी शामिल रहती है।
दस्तावेज और क्लेम
अपनी कार के रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र (आरसी) की एक कॉपी, साइन किया हुआ क्लेम लेटर, पॉलिसी दस्तावेजों के पहले दो पेज, ड्राइविंग लाइसेंस, पुलिस प्राथमिकी और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को बताते हुए एक चोरी की सूचना पत्र को जमा करें।