ई-कॉमर्स कंपनियों को प्रोडक्ट ‘किस देश में बना है’ डिस्प्ले करना होगा

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नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकारों को उन प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया जिनके तहत कंपनियां और ई-कॉमर्स कारोबारियों को सभी उत्पादों पर उनके देश को डिस्प्ले करना अनिवार्य है। यानी कि प्रोडक्ट मेड इन इंडिया है या नहीं। अगर नहीं है तो किस देश का प्रोडक्ट है यह बताना अनिवार्य होगा।

सभी उत्पादों पर उसके ‘प्रोडक्ट किस देश का है उल्लेखन करने का प्रावधान जनवरी 2018 से लागू है और यह कानून सभी मैन्यूफैक्चर्स, आयातकों, पैकर्स और ई-कॉमर्स कारोबारियों के लिए है। वाणिज्य मंत्रालय से अब यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां भी इस नियम का सख्ती से पालन करें।

प्रोडक्ट से संबंध जरूरी डिटेल्स भी होंगे
पासवान ने कहा कि हमने बार-बार बताया है कि हमारे पास इस तरह का प्रावधान है। हमने राज्य सरकारों को प्रावधान को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ऑफलाइन या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बेचे जाने वाले किसी भी उत्पाद पर उसके प्वाइंट टू ऑरिजिन का ब्यौरा होना चाहिए। इसके अलावा उस उत्पाद पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), उपयोग करने की सुरक्षित अवधि, उत्पाद की कुल मात्रा और उपभोक्ता देखभाल जैसे अन्य डिटेल्स को प्रकाशित करना भी अनिवार्य है।

डीपीआईआईटी के साथ विचार विमर्श चल रहा है
उन्होंने कहा कि सभी ई-कॉमर्स साइटों को अपनी वेबसाइट पर इसे दिखाना होगा। हमने ई-कॉमर्स साइटों का पंजीकरण करने वाली संस्था, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को इसका अनुपालन कराने के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर डीपीआईआईटी के साथ विचार विमर्श चल रहा है।

इसके लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना की गई है, जिसमें उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव, मुख्य आयुक्त तथा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक जांच अधिकारी होंगे।

20 जुलाई को नोटिफाइड की उम्मीद है
किसी तरह की शिकायत के मिलने पर या केंद्र सरकार के निर्देश पर सीसीपीए के पास उपभोक्ता अधिकारों या अनुचित व्यापार प्रथाओं के उल्लंघन से संबंधित मामलों की पूछताछ करने या जांच करने की शक्तियां होंगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सीसीपीए की संरचना और कार्यप्रणाली से संबंधित नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और इसे 20 जुलाई को नोटिफाइड किए जाने की उम्मीद है