जयपुर। प्रदेश के स्कूलों में अब रोड सेफ्टी मेजर्स (सड़क सुरक्षा नियम) तथा उनकी पालना का पाठ पढाया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों पर मुंबई की तर्ज पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरु किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को भीलवाड़ा डेयरी के हेलमेट वितरण कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए कार्ययोजना बनाएगी। इसके लिए जल्द ही सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई जाएगी और सड़क सुरक्षा को अनिवार्य रूप से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
उन्होंने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से कहा कि मुंबई की तर्ज पर सभी संभागीय मुख्यालयों में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने हैं, वे इसकी तैयारी शुरू करें। यह भी कहा कि लीलैंड अलवर या अजमेर में ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलना चाहते थे उस विषय में क्या हुआ, पता करें और यह काम शुरू कराएं। मुख्यमंत्री ने दो पशुपालकों भंवरलाल जाट तथा नानूराम कुमावत को सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में हेलमेट पहनाकर कार्यक्रम की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री गहलोत ने परिवहन विभाग और गृह विभाग के अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रोड सेफ्टी कानून की पालना कराएं। उन्होंने कहा कि कहा की दुर्घटनाओं में 50 फ़ीसदी कमी लाएं यह टारगेट लेकर अभियान शुरू करें जितनी भी सफलता मिलेगी लोगों की जान बचेगी वह प्रदेश के लिए हम सबके लिए अच्छा होगा।
गहलोत ने की गडकरी की प्रशंसा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय सड़क, राजमार्ग, भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की सराहना करते हुए कहा कि गडकरी ने रोड सेफ्टी मेजर्स के उल्लंघन पर जुर्माना राशि कई गुना बढा दी, वह अच्छा कार्य है। गडकरी ने इसके कानून में जो संशोधन किया वह सराहनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने पेनल्टी कई गुना बढ़ा दी थी, इसलिए राज्य सरकार ने विचार विमर्श किया कि गरीब पेनल्टी कैसे भरेगा, थोड़ी बहुत गलती की है तो उसे 100 का जुर्माना देना पड़ेगा। इससे उसे शर्मिंदगी महसूस होगी और वह हेलमेट लगाएगा।