जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को डीआइजी लक्ष्मण गौड़ के नाम से 5 लाख रुपए रिश्वत लेने वाले आरोपी प्रमोद के घर बेहिसाब दौलत मिली है। इतना ही नहीं अलग-अलग लोगों के हस्ताक्षर किए हुए करीब 20 खाली चेक भी मिले हैं। वहीं हिसाब की पर्चियों में कोड वर्ड में लिखा है, जैसे नाका एक, नाका दो से मिल गया। 1 लाख अग्रिम लिए, 25 लाख लेने हैं, 1.50 करोड़ रुपए में सौदा हुआ।
ब्यूरो को घर की सर्च में बड़ी संख्या में भूखंडों की कच्ची पर्चियां भी मिली हैं। मालवीय नगर सर्च करने पहुंची एसीबी टीम बंगला देख दंग रह गई। बड़े-बड़े सोफे, होम थिएटर सहित कई आलीशान चीजें बंगले में थीं। पूरा भवन वातानुकूलिन था। सर्च में एक अन्य व्यक्ति के नाम से पूरी चेकबुक मिली है।
यह चेक बुक आरोपी के पास क्यों रखी थी, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी के पिता सेल टैक्स विभाग में बाबू से रिटायर्ड हैं। वे चार भाई हैं, जिनमें एक भाई के साथ आरोपी ने मालवीय नगर में श्रीनाथ ट्यूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी खोल रखी है। एक भाई आरएसईबी में एईएन तथा एक साफ्टवेयर इंजीनियर है।
एसीबी सूत्रों ने बताया कि फोन सर्विलांस के जरिए बंधी प्रकरण पहले भी उजागर किए, लेकिन यह अपनी तरह का पहला मामला है। पहली बार भरतपुर के उद्योग नगर एसएचओ चन्द्र प्रकाश ने डीआइजी के नाम पर उनका भाई बनकर रिश्वत मांगने वाले के खिलाफ शिकायत की है।
एसीबी ने आशंका जताई कि आरोपी ने रेंज के अन्य थानेदारों को भी फोन किया। लेकिन आरोपी भी अभी इस संबंध में कबूल नहीं कर रहा है और ना ही कोई अन्य एसएचओ की शिकायत प्राप्त हुई है। एसीबी टीम ने बताया कि आरोपी प्रदीप के बंगले में बेसमेंट और पहली मंजिल के आधे हिस्से में रेस्टोरेंट है। जबकि पांच मंजिला भवन के अन्य हिस्से में वह रहता है।