मुंबई/नई दिल्ली। कोरोनावायरस ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को भी गिरफ्त में ले रखा है और इसका असर भारतीय बाजार पर भी दिख रहा है। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखी। यह 34472.5 पर खुला था। दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर यह अधिकतम 3165 पॉइंट लुढ़कर 32531.74 पर जा चुका था।
क्लोजिंग के वक्त यह थोड़ा संभला। फिर भी 2919.26 अंक की गिरावट के साथ 32,778.14 पर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स में पिछली बड़ी गिरावट इसी महीने की 9 मार्च को आई थी, जब यह इंट्राडे में 2467 पॉइंट तक गिर गया था, बाद में थोड़ा संभलकर 1941 अंक नीचे गिरकर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी का भी गुरुवार को कुछ ऐसा ही हाल रहा। यह भी दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर लुढ़ककर 9,508.00 पर जा चुका था। क्लोजिंग के वक्त यह 825.30 पाॅइंट की गिरावट के साथ 9,590.15 पर बंद हुआ।
बाजार गिरने की 3 बड़ी वजह
अमेरिकी बाजार: कोरोनावायरस के चलते ट्रम्प ने 26 यूरोपीय देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगाया। इसके चलते एक दिन में डाउ जोंस रिकॉर्ड 1,464 अंक तक गिर गया
कोरोना वायरस: कोरोनावायरस से चीन के अलावा के अलावा दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल गया है। डब्ल्यूएचओ के इसे महामारी घोषित करने के बाद निवेशक घबराए हुए हैं।
1,180 कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर
गुरुवार को 2,573 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इन कंपनियों में 2242 कंपनियाें के शेयरों में गिरावट और 225 कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई। 1,180 कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए। 565 कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लगा।
टाटा पावर, लक्ष्मी विलास बैंक, टाटा डीवीआर के शेयरों में तेजी देखने को मिली। टूरिज्म सेक्टर पर निगेटिव रिपोर्ट का असर स्पाइसजेट पर देखने को मिला। कंपनी के शेयर 19 फीसदी नीचे गिरकर बंद हुए। एनएसई में एक भी कंपनी के शेयर पॉजिटिव नहीं रहे।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट, भारतीय स्टेट बैंक 13 फीसदी से ज्यादा लुढ़का