वित्त वर्ष में परिवर्तन करने से वर्किंग सीजन का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को बताया कि सरकार देश के वित्त वर्ष को अप्रैल-मार्च से बदलकर जनवरी-दिसंबर करने पर विचार कर रही है।
जेटली ने संसद में एक लिखित उत्तर के जरिए बताया, “वित्त वर्ष बदले जाने का मदुदा विचाराधीन है।”
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या बजट को भी फरवरी की बजाए नवंबर-दिसंबर में पेश किए जाने पर विचार चल रहा है, इस पर उन्होंने विस्तार से कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया।
मौजूदा समय में देश भर में वित्त वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है। आपको बता दें कि इस व्यवस्था को साल 1867 में अपनाया गया था।
वहीं नीति आयोग ने भी अपने एक नोट में कहा था कि वित्त वर्ष में परिवर्तन करने से वर्किंग सीजन का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा और साल की शुरुआत के साथ ही विकास कार्य शुरू किए जा सकेंगे।
साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वित्त वर्ष को कैलेंडर इयर के साथ जोड़ने की इच्छा जताए जाने के बाद ही बीते साल केंद्र सरकार ने इसकी संभावना तलाशने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
इस समिति ने दिसंबर में वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, जिसकी सिफारिशों पर सरकार विचार कर रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार बजट का समय बदलने के साथ ही रेल बजट को आम बजट में भी मिला चुका है।