अब घर एवं दुकानों पर लगेंगे बिजली के 4G प्रीपेड स्मार्ट मीटर

0
972

रावतभाटा। आपने किस समय कितनी बिजली खपत की है। यह आप अपने मोबाइल पर देख पाएंगे, क्योंकि जल्द ही आपके प्रतिष्ठान या फिर लघु उद्योगों के बाहर 4 जी स्मार्ट मीटर लगने वाला है। मीटर लगने का काम एक या दो माह में शुरू हो जाएगा।

निगम के अधिकारियों का कहना है कि उपखंड में कुल 30 हजार बिजली के उपभोक्ता हैं। इनमें से 2 हजार 500 दुकानें हैं। बाकी करीब 7 हजार छोटे उद्योग हैं। योजना के तहत पहले चरण में स्मॉल इंडस्ट्री यानी 9 हजार 500 दुकानों व लघु उद्योगों पर प्रीपेड 4 जी स्मार्ट मीटर लगाएं जाएंगे।

इसके बाद धीरे-धीरे अन्य घरेलू कनेक्शन धारकों के पास यह मीटर लगाए जाएंगे। निगम के अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी व बिल जमा नहीं कराने की सबसे ज्यादा शिकायतें स्मॉल इंडस्ट्री से आती हैं, जिससे निगम को प्रतिमाह लाखों रुपए के राजस्व की चपत लगती है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद यदि उपभोक्ता बिल जमा नहीं कराएगा तो उसकी बिजली की सप्लाई स्वयं ही बंद हो जाएगी। बिजली चोरी करने का प्रयास करेंगे तो पता चल जाएगा।

लाइन में नहीं पड़ेगा लगना
बिजली का बिल जमा कराने के लिए उपभोक्ताओं को प्रतिमाह लाइन में लगना पड़ता है। उपभोक्ता स्मार्ट मीटर का बिल मोबाइल या फिर एप के जरिए घर बैठे-बैठे जमा कर सकता है। यही नहीं लोड पैटर्न के तहत दिनभर बिजली खपत की जानकारी मोबाइल पर मिलेगी। यानि किस समय कितनी बिजली खपत हुई है। यह पता चल जाएगा।

स्वयं लोड कम हो जाएगा
बिजली उत्पादन यूनिट में तकनीकी कमी के कारण कई बार व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती हैं। ऐसे में डिस्कॉम को जगह-जगह पर बिजली कटौती करनी पड़ती है। कटौती करने के चक्कर में उपभोक्ताओं के साथ-साथ निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन स्मार्ट मीटर में इसकी ऑनलाइन व्यवस्था होगी। व्यवस्थाएं गड़बड़ाने से लोड स्वयं कम हो जाएगा। जैसे किसी स्मॉल इंडस्टी में 8 किलोवाट बिजली की खपत है। उत्पाद यूनिट में कमी आ जाती है तो आपके मीटर का लोड़ 70 प्रतिशत कम हो जाएगा।

स्मॉल इंडस्ट्री में 4 जी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाएं जाएंगे
स्मॉल इंडस्ट्री में 4 जी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाएं जाएंगे। मीटर लगाने का काम एक या दो माह में शुरू हो जाएगा। उपखंड में दुकानें व छोटे लघु उद्योग करीब साढ़े नौ हजार हैं।
महावीर बैसला, कार्यवाहक, एईएन, अजमेर विद्युत वितरण निगम