21 राज्यों ने रीयल इस्टेट कानून के तहत नियमों को अब तक अधिसूचित कर दिया है।
नयी दिल्ली। एक सरकारी अधिकारी ने आज कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के अलावा सभी राज्य नये रीयल इस्टेट कानून के तहत नियमों को जुलाई के आखिर तक अधिसूचित कर सकते हैं। हालांकि इन राज्यों द्वारा स्थायी नियामकीय प्राधिकार की स्थापना में कुछ समय लगेगा।
आवास व शहरी मामलात मंत्रालय में संयुक्त सचिव राजीव रंजन मिश्रा ने यहां रीयल इस्टेट पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा डेवल्परों को अपनी मौजूदा परियोजनाओं का पंजीकरण रीयल इस्टेट नियामकीय प्राधिकार रेरा में करवाना होगा।
इसके साथ ही उन्होंने बिल्डरों से अपने कारोबारी माडल को बदलने को कहा ताकि वे रेरा कानून के अनुसार नकदी प्रवाह का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सकें। संसद ने इस कानून को मार्च 2016 में पारित किया था और यह इस साल मई से प्रभावी हो गया।
मिश्रा ने परियोजनाओं की आपूर्त को लेकर चिंताओं के चलते आवासीय बाजार में क््रुेताओं में विास की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने बिल्डरों से कहा कि वे इस कानून का समुचित पालन सुनिश्चित करें ताकि ग्राहकों का भरोसा बहाल किया जा सके।
कार्यक्रम के अवसर पर मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, 21 राज्यों ने रीयल इस्टेट कानून के तहत नियमों को अब तक अधिसूचित कर दिया है। सभी केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही अधिसूचित कर दिया है। पांच छह राज्यों में यह अंतिम चरण में है। तो पूर्वोार के कुछ राज्यों के अलावा, हमारा मानना है कि नियमों को इस महीने अधिसूचित कर दिया जाएगा।