दिनेश माहेश्वरी
कोटा। फाइनैंशल इयर खत्म होने में बहुत कम समय बचा है। 31 मार्च से पहले टैक्स प्लैनिंग भी करनी है। वैसे तो जब बात टैक्स बचाने की आती है तो टैक्सपेयर अपने हिसाब से इन्वेस्टमेंट कर लेते हैं और अपने खर्चों पर टैक्स ब्रेक लेने का सारा हिसाब कर ही लेते हैं।
लेकिन कई ऐसे निवेश और खर्च हैं, जो टैक्स तो बचाते हैं, लेकिन इनके बारे में कम लोग जानते हैं। और अगर, पता न हो कि इनके जरिए भी टैक्स बचाया जा सकता है तो निवेश भी नहीं करते टैक्सपेयर्स। आइए आपको ऐसे खर्च और निवेश के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
प्री नर्सरी की फीस पर डिडक्शन : आपका बच्चा अगर प्ले ग्रुप, प्री नर्सरी या नर्सरी में पढ़ता है तो आप फीस पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसकी शुरुआत साल 2015 में हुई थी। इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं या इसका दावा करते हैं। सेक्शन 80 सी के तहत आप इसम पर दो बच्चों तक के लिए डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
स्टाम्प ड्यूटी पर टैक्स छूट: मकान खरीदते समय आप स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 80 सी के तगत यह छूट ली जा सकती है, जिसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है। ध्यान रखें:आप उसी वित्त वर्ष में स्टाम्प ड्यूटी पर छूट क्लेम करें जिस वित्त वर्ष में आपेने प्रॉपर्टी खरीदी है, क्योंकि अगले वर्ष आप इसका दावा नहीं कर सकेंगे।
पैर्ंट्स को ब्याज का भुगतान: मकान खरीदने के लिए आप अपने पैरंट्स से लोन ले सकते हैं और इसपर उन्हें ब्याज पेमेंट कर सकते हैं। इस ब्याज पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। अगर आपके माता-पिता लोअर टैक्स स्लैब में आते हैं तो ज्यादा फायदा होगा। सेक्शन 24बी के तहत इस छूट का दावा किया जा सकता है, जिसकी अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये है। ध्यान रखेंः पैरंट्स को लोन पर ब्याज भुगतान का सर्टिफिकिट अटेस्टिंग जरूर कलेक्ट करे ताकि आप आसानी से छूट क्लेम कर सकें।
पैरंट्स को दें घर का किराया: अपने पैरंट्स के मालिकाना हक वाले घर में अगर आप रहते हैं तो उन्हें रेंट पेमेंट कर आप टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। आप HRA छूट क्लेम कर सकते हैं, जबकि आपके पैरंट्स स्टैंडर्ड डिडक्शन और म्यूनिसिपल टैक्स पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। ऐसा करने से पूरे परिवार की बचत होगी। सेक्शन 10(13ए) में इसका प्रावधान है। ध्यान रखेंः असर HRA या सैलरी के 10 पर्सेंट से ज्यादा रेंट या बेसिक सैलरी के 50 फीसदी, इनमें से जो कम होगा, उतना अधिकतम डिडक्शन मिलेगा। साथ ही, आपको मकान मालिक और किराएदार वाले समीकरण को ऑफिशल करना होगा। एक वकील की मदद से आप रेंट अग्रीमेंट बनवाकर बाद में छूट का दावा कर सकते हैं।
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस कवर पर टैक्स छूट: आप ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस कवर के प्रीमियम भुगतान पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। अगर आपके एम्प्लॉयर ने आपके परिवार के लिए ग्रेुप कवर दिया है और आप उसका प्रीमियम पे करते हैं तो आप इंडिपेडेंट और रिटेल हेल्थ कवर्स पर टैक्स छूट के हकदार हैं। सेक्शन 80डी में इसका प्रावधान है और अधिकतम 75000 रुपये की लिमिट है। ध्यान देंः अगर पूरा प्रीमियम आपका एम्प्लॉयर फंड करता है तो आप टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकते
पैरंट्स के इलाज पर खर्च: अपने माता-पिता के इलाज का खर्च उठाएं और टैक्स में छूट हासिल करें। 60 साल से ऊपर के लोगों के इलाज और दवाओं पर खर्च आम बात है।अगर आप अपने पैरंट्स का दवा का खर्च उठाते हैं तो टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। सेक्शन 80डी के तहत इसका प्रावधान है और अधिकतम लिमिट है 50 हजार रुपये। ध्यान रखेंः इस खर्च पर टैक्स छूट मिलेगी अगर ये हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर्ड होगा।
टैक्स बचाने को PPF को करें रीइन्वेस्ट: पीपीएफ स्कीम में निवेश के बाद सातवें वित्त वर्ष से आप इसमें से आंशिक विद्ड्रॉअल कर सकते हैं। सेक्शन 80 सी के तहत आपको इसपर टैक्स छूट मिलती है। चौथे वित्त वर्ष के अंत तक आप 50 पर्सेंट तक पैसा निकाल सकते हैं। एक वित्त वर्ष में आप एक बार ही आंशिक विद्ड्रॉअल कर सकते हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके, टैक्स प्लैनिंग को देखते हुए आपको पैसा निकाल लेना चाहिए।