नई दिल्ली। चीन में फैले कोरोना वायरस से कच्चे तेल का बाजार भी प्रभावित हुआ है। गत सप्ताह प्रमुख कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड में 13 सप्ताह की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। चीन दुनिया में कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, जहां कोरोना वायरस का प्रकोप होने के कारण कई शहरों में सार्वजनिक परिवहन बंद कर दिया गया है।
लिहाजा, चीन की ओर से कच्चे तेल की मांग में नरमी आने के कारण बीते कारोबारी सप्ताह तेल के दाम पर भारी दबाव बना रहा। गत सप्ताह ब्रेंट क्रूड का दाम इससे पिछले सप्ताह के मुकाबले तकरीबन सात फीसदी टूट चुका है, जोकि दिसंबर 2018 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
मार्च अनुबंध 60.62 डॉलर प्रति बैरल पर बंद
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का मार्च अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 2.29 फीसदी की कमजोरी के साथ 60.62 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान तेल का दाम 60.26 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा, जोकि तीन दिसंबर, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है, जब ब्रेंट क्रूड का भाव 60.30 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था।
भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी आने से भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को कच्चे तेल का फरवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 50 रुपये यानी 1.27 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,881 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान तेल का भाव 3,850 रुपये प्रति बैरल तक टूटा। एमसीएक्स पर कच्चे तेल का भाव इस साल के सबसे उंचे स्तर 4,670 रुपये प्रति बैरल से 820 रुपये प्रति बैरल तक टूट चुका है।
पेट्रोल-डीजल होगा सस्ता
गुप्ता ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को और राहत मिलेगी। देश की राजधानी दिल्ली में 11 जनवरी के बाद पेट्रोल 1.85 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है, जबकि डीजल का दाम भी 1.86 रुपये प्रति लीटर कम हो गया है।