नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर 5% रहने का अनुमान जताया गया है। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर का यह पहला आकलन है। वहीं, इस वित्त वर्ष जीवीए (GVA) 4.9% रहने का अनुमान जताया गया है। सरकारी आंकड़ों में यह अनुमान लगाया गया है।
इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर 6.8% रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया। इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटना है।जीडीपी आकलन के आंकड़े ऐसे वक्त में जारी किए गए हैं, जब भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी सुस्ती देखी जा रही है। GDP अनुमान के आंकड़ों को लेकर नीति-नियंता भी हैरान हैं।
विनिर्माण की वृद्धि दर भी घटेगी
चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 2% पर आने का अनुमान है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.2% रही थी। अग्रिम अनुमान के अनुसार कृषि, निर्माण और बिजली, गैस और जलापूर्ति जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर भी नीचे आएगी। वहीं खनन, लोक प्रशासन और रक्षा जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर में मामूली सुधार का अनुमान है।
साढ़े छह साल के निचले स्तर पर इकॉनमी
जून तथा सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रमशः 5% तथा 4.5% की दर से आगे बढ़ी है, जो साढ़े छह वर्षों का निचला स्तर है। जीडीपी विकास दर के आंकड़ों में लगातार आ रही गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को 2019-20 के लिए विकास दर अनुमान को 7.4% से घटाकर 5% करने को मजबूर होना पड़ा था।
अनुमान के आधार
वित्त वर्ष 2019-20 के विकास दर के पहले अनुमान के लिए निम्न आंकड़ों को आधार बनाया गया है।
- अप्रैल-अक्टूबर 2019 की IIP
- दूसरी तथा तीसरी तिमाही में सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन
- फसल उत्पादन का अग्रिम अनुमान
- केंद्र तथा राज्य सरकारों के राजस्व
- रेलवे की यात्रियों तथा माल ढुलाई से होने वाली आय, एयर कार्गो हैंडल, कारों की बिक्री सहित कई अन्य आंकड़े
1 फरवरी को आम बजट
केंद्र सरकार आगामी 1 फरवरी को आम बजट पेश करेगी। वित्त वर्ष 2019-20 के विकास दर का दूसरा अनुमान बजट के बाद जारी किया जाएगा।भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गया। तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) को लेकर जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा का मानना है कि विकास की रफ्तार और धीमी होगी और यह घटकर 4.3 फीसदी पर पहुंच सकती है।