मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर मुंबई की एक विशेष अदालत ने पंजाब नैशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा कारोबारी है जिसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) कानून के पिछले साल अस्तित्व में आने के बाद इसके दायरे में लाया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय और डायमंड कारोबारी के वकीलों के बीच लंबी बहस के बाद स्पेशल पीएमएलए कोर्ट के जज वीसी बारडे ने नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया। नीरव मोदी ने इससे पहले कोर्ट से अपील की थी कि ED की मांग को खारिज कर दिया जाए।
नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला जनवरी 2018 में सामने आया था। धोखाधड़ी उजागर होने से पहले ही दोनों देश छोड़कर भाग चुके थे। नीरव मोदी को मार्च में लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था और प्रत्यपर्ण प्रक्रिया अभी लंबित है।
FEO ऐक्ट के तहत, 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक के आर्थिक अपराध में शामिल व्यक्ति यदि देश छोड़कर चला जाता है और लौटन से इनकार करता है तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है। इस कानून के तहत बिना किसी इजाजत के अपराधियों की संपत्ति जब्त कर और उन्हें बेचकर उधारदाताओं को भुगतान किया जा सकता है। ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलता है।