नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन की राह में रोड़ा अटक सकता है। इसका कारण यह है कि महाराष्ट्र की नई नवेली उद्धव सरकार ने राज्य में चल रहे सभी डवलपमेंट प्रोजेक्ट का रिव्यू करने का आदेश दिया है। इसमें मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट भी शामिल है। आपको बता दें कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान और आदिवासी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
रविवार देर रात पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सरकार आम आदमी की सरकार है। जैसा कि सभी लोग जानना चाहते हैं, हां-हम बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का रिव्यू करेंगे। हालांकि, ठाकरे ने कहा कि आरे कारशेड की तरह बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के कार्य पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी।
ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के वित्तीय हालात पर एक श्वेत पत्र लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करीब 5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबी है। इसके बावजूद सरकार सभी किसानों का कर्ज बिना शर्त माफ करेगी।
508 किलोमीटर लंबा होगा बुलेट ट्रेन का रूट
देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलेगी। करीब 508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेक के निर्माण में करीब 1.08 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। समें से 81 फीसदी खर्च जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीका) के माध्यम से किया जाएगा। वहीं भारत की ओर से 19 फीसदी यानी करीब 20,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना के 2023 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।