उद्यमियों को 16 विभागों से संबंधित अनुमति एवं अनापत्ति एकल खिड़की पर ही मिलेगी

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कोटा। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए एकल खिड़की के माध्यम से उद्यमियों को एक ही स्थान पर सभी औपचारिकताएं पूरी हों इसके लिए नई पॉलिसी लाई जा रही है। सरकार का उद्धेश्य उद्यमियों से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समय पर निस्तारण करते हुए वातावरण निर्माण करना है।

उद्योग मंत्री मंगलवार को कोटा जिला परिषद के सभागार में आयोजित संभाग स्तरीय उद्योग विभाग-एक संवाद कार्यक्रम में उपस्थित संभाग भर के उद्यमियों एवं विभागीय अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रचुर मात्रा में औद्योगिक विकास के लिए खनिज संपदा एवं कृषि उत्पाद हैं। इसका लाभ उद्यमियों को मिले तथा नये उद्योग स्थापित हों इसक्र लिए सरकार के स्तर पर उद्यमियों से सीधा संवाद रखते हुए समय पर विभिन्न औपचारिकताएं एक ही स्थान पर पूरी की जायेंगी।

उन्होंने सरकार द्वारा प्रस्तावित नई औद्योगिक पॉलिसी की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लागू होने से उद्यमियों को 16 विभागों से संबंधित विभिन्न प्रकार की अनुमतियां एवं अनापत्ति एकल खिड़की के माध्यम से मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि सारी प्रक्रिया ऑन लाईन होने के साथ पारदर्शिता पूर्वक कार्य किया जायेगा। किसी भी उद्यमी को उद्योग लगाने में कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पड़े यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

संभाग में नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जायेंगे
कार्यशाला में उद्योग मंत्री ने कहा कि संभाग वार उद्यमियों से सीधा संवाद करने का उद्धेश्य सरकार के प्रयासों की जानकारी देकर उद्यमियों की समस्याओं को सुनकर निराकरण करना है। आने वाले समय में नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जायेंगे। रीको द्वारा लिये जा रहे सर्विस चार्ज का उपयोग औद्योगिक विकास में अधिक हो यह भी सुनिश्चित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर आयोजित होने वाली बैठकों को भी प्रभावी बनाया जायेगा जिससे उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर ही समस्या निराकरण के लिए मंच मिल सके। उन्होंने कहा कि कोटा प्रदेश में औद्योगिक विकास में अग्रणीय रहा है। वर्तमान में शिक्षा के हब के रूप में पहचान बनती जा रही है। आने वाले समय में औद्योगिक विकास को भी बढावा मिले इसके लिए हर स्तर प्रयास किये जायेंगे।

उद्यमियों की समस्या के निराकरण में कोताही बर्दाश्त नहीं
उन्होंने रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास तथा उद्यमियों की समस्या के निराकरण में कोताही को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिये कि उद्यमियों से सीधा संवाद रखते हुए विकास के कार्य समय पर पूरे करायें। उद्यमियों द्वारा दिये गये सुझावों को उन्होंने जिलेवार सुनकर संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिये कि समय पर निराकरण किया जाये।

औद्योगिक क्षेत्रों से संबंधित नीतिगत निर्णयों में उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार के स्तर पर सभी समस्याओं का सहानुभूतिपूर्वक विचार कर नियमों के सरलीकरण का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने नये औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड प्राप्त करने के लिए ई-ऑक्सन में भाग लेने, फूड कलस्टर बनाकर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी आगे आने के लिए आह्वान किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने नई औद्योगिक पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा उद्यमियों द्वारा दिये गये सुझावों को मानते हुए शीघ्र समस्या निराकरण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास में किसी भी स्तर पर कमी नहीं रहेगी। नीतिगत निर्णयों को शीघ्र सरकार के ध्यान में लाकर समस्याओं का समाधान किया जायेगा।

औद्योगिक विकास की बाधाओं को दूर किया जायेगा
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के विकास में उद्यमियों का महत्वपूर्ण योगदान है। संभागवार संवाद कार्यक्रम के माध्यम से समस्याओं को चिन्हित कर औद्योगिक विकास में आ रही बाधाओं को समय पर दूर किया जायेगा। उन्होंने नई औद्योगिक पॉलिसी में उद्यमियों के हित में किये जा रहे प्रयास एवं नवीन औद्योगिक क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर संभागीय आयुक्त एल.एन.सोनी, कोटा जिला प्रमुख सुरेन्द्र गुर्जर, जिला कलक्टर ओम कसेरा, जिला कलक्टर झालावाड़ सिद्धार्थ सिहाग, बूंदी जिला कलक्टर रूकमणी रियार, बारां जिला इन्द्रसिंह राव, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी सहित संभाग के विभिन्न विभागों के अधिकारी, औद्योगिक संगठनों एवं बड़ी संख्या में उद्यमियों ने भाग लेकर सुझाव रखे।

कार्यशाला में उद्योग विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से नई औद्योगिक पॉलिसी, बैंकर्स प्रतिनिधियों ने उद्यमियों के लिए ऋण सुविधा एवं रीको के अधिकारियों ने संभाग में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास एवं प्रस्तावित योजनाओं के बारे में जानकारी दी।