लंदन में जमकर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं भारतीय दौलतमंद, जानिए

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    नई दिल्ली। भारत के रियल एस्टेट बाजार में भले ही सुस्ती छाई है, लेकिन दौलतमंद भारतीय लंदन में पहले की तुलना में जमकर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक की लंदन सुपर-प्राइम सेल्स मार्केट इनसाइट-विंटर 2019 नामक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 12 महीनों में (जून 2019 तक) में साल दर साल आधार पर भारतीयों द्वारा लंदन के प्राइम इलाकों में प्रॉपर्टी खरीदने वालों की संख्या में 11% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

    रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन के मेफेयर, बेलग्राविया, हाइड पार्क, मैरीलेबोन और सेंट जॉन्स वुड कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां भारतीय जमकर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। वैसे तो लंदन में भारतीयों द्वारा प्रॉपर्टी खरीदने की कई वजहें हैं, लेकिन हाल में लंदन की प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट से भारतीय खरीदारों का इस ओर रुझान बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘यूरोपीय संघ को लेकर जनमत संग्रह तथा अक्टूबर 2019 के बीच प्राइम सेंट्रल लंदन की प्रॉपर्टी में लगभग 20% का बड़ा डिस्काउंट तथा करंसी और प्राइस मूवमेंट की वजह से भारतीय खरीदारों को फायदा हुआ है।’

    अधिकतर खरीदार हैं युवा
    रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि संपत्ति खरीदने वाले अधिकतर लोग युवा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लंदन में सुपर प्राइम बायर्स की औसत आयु में गिरावट आ रही है। सितंबर 2019 तक लगभग 73% सुपर प्राइम बायर्स की आयु 50 साल से कम है, जो साल 2015 की शुरुआत में आधे से भी कम थी।’

    निवेश के लिहाज से भी खरीदते हैं प्रॉपर्टी
    कई लोग ऐसे हैं, जो निवेश के लिहाज से विदेश में प्रॉपर्टी खरीदते हैं। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहते हैं, ‘भारतीय बाजार में निवेश की तुलना करें तो विदेशी बाजार में पूंजी तथा किराया दोनों ही अधिक है। चूंकि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती चल रही है, इसलिए हमें उम्मीद है कि भारतीय निवेशक विदेशी बाजारों जैसे लंदन में प्रॉपर्टी की खरीद जारी रखेंगे, क्योंकि यहां कम अवधि में ज्यादा रिटर्न मिलता है।’

    विदेश में कितना कर सकते हैं निवेश?
    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत भारतीयों को हर वित्त वर्ष में 250,000 लाख डॉलर ( 1.75 करोड़) रुपये अपने विदेश भेजने की इजाजत है। हालांकि, अगर कोई अपने परिवार के सदस्य के साथ मिलकर विदेश में प्रॉपर्टी खरीदता है तो वह इससे ज्यादा पैसे अपने विदेश भेज सकता है।