नई दिल्ली। जल्द ही आपको अनाज जैसे उत्पादों पर जीएसटी चुकाना पड़ सकता है। फिलहाल अनाज पर वैल्यू एडेड टैक्स प्रणाली के तहत परचेज टैक्स लगता है। रेवेन्यू बढ़ाने के लिए गठित की गई अफसरों की कमेटी अनाजों को भी जीएसटी के तले लाने के बारे में विचार कर रही है। कमेटी टैक्स चोरी रोकने के लिए रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म लागू करने और कंपोजिशन स्कीम के तहत दरों में बदलाव करने के बारे में भी सोच रही है। कंपोजिशन स्कीम के तहत जीएसटी में फ्लैट टैक्स रेट मिलता है और रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म हो सकता है लागू
कमेटी का कहना है कि अनाज पर रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म के तहत जीएसटी लगाया जा सकता है। इसमें कोई रजिस्टर्ड कंपनी गैर-रजिस्टर्ड कंपनी की तरफ से जीएसटी भर सकती है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, अब तक अनाज जैसे कई उत्पाद थे, जहां थोक व्यापारी परचेज टैक्स अदा किया करते थे। लेकिन अब व्यापारियों को इससे छूट दे दी गई है। अब जीएसटी में दरें काफी कम हो गई हैं। जीएसटी लागू होने से पहले की दरें, मौजूदा जीएसटी दरों से ज्यादा हैं। सरकार बिना मुनाफा कमाए जीएसटी लागू करना चाहती थी, लेकिन अब सरकार को इसमें नुकसान हो रहा है।
19 माह के निचले स्तर पर पहुंचा जीएसटी कलेक्शन
दरअसल चालू वित्त वर्ष के सितंबर माह में जीएसटी कलेक्शन 19 महीनों के निचले स्तर 91,916 करोड़ रुपए पर पहुंचा। यह आंकड़ा पिछले साल सितंबर माह के जीएसटी कलेक्शन से 2.67 फीसदी कम है। मौजूदा वित्त वर्ष के अगस्त माह में हुए 98,202 करोड़ रुपए के जीएसटी कलेक्शन से सितंबर 2019 में 6.4 फीसदी कम जीएसटी कलेक्शन हुआ। इसी के चलते सरकार ने रेवेन्यू बढ़ाने के उपाय तलाशने के लिए कमेटी का गठन किया है।