नई दिल्ली। जल्दी ही स्मार्ट सिटीज को एक ही जगह से नियंत्रित और प्लान किया जा सकेगा। स्मार्ट टावर्स के जरिए प्राधिकरण शहर के कोने-कोने से जानकारी जुटा सकेगा कि शहर में कहां-कहां नियमों का पालन हो रहा है और कहां लोग मनमानी कर रहे हैं। बेंगलुरु की कंपनी कोग्नो (qogno) शहरों को मॉडर्नाइज करने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्टर तैयार कर रही है।
इसके लिए कंपनी ने ऐसे खास टॉवर्स तैयार किए हैं जहां आपको अपनी डिजिटल जरूरत की हर तकनीक मिलेगी। एक कंट्रोल रूम से इन टॉवर्स को कनेक्ट किया जाएगा, जहां पर इनका सारा डाटा जमा होगा। 18 महीने पुरानी इस कंपनी के संस्थापक गुरुराज उदय ने मनी भास्कर से बात की और इन टॉवर्स के बारे में बताया जिसमें लगा हर एक कंपोनेंट भारत मे बना है।
वाई-फाई से लेकर ई-व्हीकल चार्जिंग की सुविधा मिलेगी टॉवर में
गुरुराज ने बताया कि ये टॉवर आम बिजली या टेलीकॉम कंपनी वाला टॉवर नहीं है। आज के जमाने में जितनी डिजिटल टेक्नोलॉजी मौजूद हैं, ये टॉवर उन सबको होस्ट करता है। इस टॉवर में आप अपनी मर्जी के मुताबिक कंपोनेंट्स जोड़ से हैं। आप चाहें तो इसे बिल्डिंग्स के ऊपर खड़ा कर सकते हैं। इस टॉवर पर कैमरा, स्क्रीन, सोलर पैनल, वाई-फाई, ड्रोन लैंडिंग और चार्जिंग पॉइंट, ई-व्हीकल चार्जिंग पॉइंट समेत कई तकनीकों को सेट किया जा सकता है। टॉवर पर ही आप ड्रोन का डाटा भी कलेक्ट कर सकेंगे।
मोबाइल फोन जैसा है कॉन्सेप्ट
गुरु ने बताया कि यह कॉन्सेप्ट बिल्कुल मोबाइल फोन जैसा है। एक बार फोन लेने के बाद आप उसमें कितने भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। हर ऐप के लिए आपको नया फोन नहीं खरीदना होता। ऐसे ही टॉवर्स भी प्लेटफॉर्म की तरह काम करते हैं। इन पर आप अपनी जरूरत के मुताबिक नए फीचर्स जोड़ सकते हैं। जैसे-जैसे आप तकनीक जोड़ते जाएंगे, टॉवर की ऊंचाई बढ़ती जाएगी।
कई शहरों में लग रहे हैं कोग्नो के टॉवर्स
कोग्नो कंपनी के इस इनोवेशन को कई शहरों के प्राधिकरणों ने इस्तेमाल करना शुरू किया है। नासिक, हैदराबाद जैसे तकरीबन 8 शहरों में इन टॉवर्स को इंस्टॉल किया गया है। ये टॉवर्स पूरे शहर को मैप कर सकते हैं और बात सकते हैं कि शहर में ड्रेनेज सिस्टम कैसा है, सड़कों का क्या हाल है, वेस्ट डिस्पोजल ठीक से हो रहा है या नहीं, ग्रीनरी कितनी है, कहीं अतिक्रमण तो नहीं किया गया।
इन टॉवर्स के डाटा को प्रोसेस करने के लिए कई बड़ी कंपनीज ने बैकएंड सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन्स मुहैया कराए हैं। शहरों में जरूरत के मुताबिक कितने भी टॉवर्स लगाए जा सकते हैं। इनसे मिलने वाले डाटा का कंसोल पैनल्स पर असेसमेंट किया जा सकता है। इनमें लोगों का डाटा भी शामिल होगा कि किसने टैक्स नहीं चुकाया है, किसने सड़क पर गाड़ी पार्क कर रखी है या कौन नियमों का पालन नहीं कर रहा है। ऐसे में सरकार के लिए शहर पर नजर रखना और ठीक से मेंटेन करना आसान होगा।