नई दिल्ली। रेलवे ने स्वर्णिम चतुर्भुज को लेवल-क्रॉसिंग मुक्त बनाने के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार किया है। इसे योजना आयोग की मंजूरी मिल गयी है। जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यह स्वर्णिम चतुर्भुज पूरी तरह लेवल-क्रॉसिंग मुक्त होगा।
रेल सूत्रों ने बताया कि स्वर्णिम चतुर्भुज पर तकरीबन 2,600 लेवल-क्रॉसिंग है। हालांकि ब्रॉडगेज लाइनों पर सभी रेलवे क्रॉसिंगों पर कर्मचारियों की तैनाती हो चुकी है, इसके बावजूद दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसके साथ ही ट्रेनों के गुजरते समय क्रॉसिंग पर यातायात बंद करने से व्यस्त इलाकों में जाम भी लग जाता है जिससे देश का आर्थिक नुकसान होता है।
रेलवे ने इन सभी लेवल-क्रॉसिंगों पर फ्लाईओवर या अंडरपास बनाने की योजना तैयार की है जिससे ट्रेन के आने-जाने से यातायात रोकने की जरूरत न पड़े। लेवल क्रॉसिंग समाप्त हो जाने से वहां कर्मचारियों की तैनाती भी नहीं करनी होगी। इससे रेलवे को काफी बड़ी मात्रा में धन तथा मानव संसाधन की बचत होगी। रेलवे के लेवल क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर या अंडरपास बनाने के लिए आम तौर पर आधा पैसा राज्य सरकार देती है और आधा खर्च रेलवे को वहन करना होता है।
स्वर्णिम चतुर्भुज को लेवल-क्रॉसिंग मुक्त करने के लाभ को देखते हुए रेलवे ने केंद्र सरकार से पूरा खर्च उठाने का अनुरोध किया है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक लेवल क्रॉसिंग पर कर्मचारियों की तैनाती पर औसतन दो लाख रुपए महीने का खर्च आता है। हर क्रॉसिंग पर तीन-तीन कर्मचारी तैनात करने होते हैं। इस प्रकार 2,600 रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर या अंडरपास बन जाने से रेलवे को हर महीने तकरीबन 52 करोड़ रुपए की बचत होगी।
क्या है स्वर्णिम चतुर्भुज
स्वर्णिम चतुर्भुज 5846 कि.मी. लंबा राजमार्ग है। इसे दुनिया के सबसे लंबे राजमार्गों में शामिल किया जाता है। यह मूल रूप से राजमार्गों का एक नेटवर्क है जो देश के चार प्रमुख महानगरों को चार दिशाओं – दिल्ली (उत्तर), चेन्नई (दक्षिण), कोलकाता (पूर्व) और मुंबई (पश्चिम) में जोड़ता है।