नारियल तेल भी शुद्ध नहीं, हो रही पाम ऑयल और पाराफिन की मिलावट

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कोच्चि। नारियल तेल बनाने वाली कई कंपनियां अपने उत्पादों पर केरा या केरल शब्द का इस्तेमाल करते हुए बड़े पैमाने पर मिलावट करती हैं। इन तेलों में तरल पाराफिन और पाम कर्नेल ऑयल की मिलावट की जाती है। पाराफिन को स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक बताया गया है।

कोच्चि ऑयल मर्चेंट एसोसिएशन (सीओएमए) ने खाद्य सुरक्षा नियामक से शिकायत की है कि इन कंपनियों के तेलों में नारियल तेल का अंश 25 फीसदी से भी कम होता है। बाकी हिस्सा मिलावट से पूरा किया जाता है। सीओएमए ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से आग्रह किया है कि केरल से बाहर की इन कंपनियों को अपने उत्पादों पर केरा या केरल शब्द का उपयोग करने से रोक लगाएं।

सीओएमए ने आरोप लगाया है कि इन मिलावटी तेलों का उपयोग मुख्यत: केश तेल और बॉडी लेशन बनाने में उपयोग होता है। सीओएमए के प्रेसिडेंट तलत मुहम्मद ने कहा कि उपभोक्ताओं को यह बताया जाना चाहिए कि इन तेलों का उपयोग खाद्य तेल के तौर पर नहीं हो सकता है। ऐसे तेलों पर केरा या केरल शब्द के उपयोग से रोक लगाई जानी चाहिए।

अधिकारियों को बाजार में बिकने वाले इन उत्पादों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए।राज्य के बाहर से ऐसे मिलावटी तेलों की आवक काफी बढ़ गई है। दूसरे राज्यों से आने वाले कई ब्रांड या खुले तेल की उत्पादन केंद्रों पर जांच नहीं की जाती है। सीओएमए ने FSSAI से आग्रह किया है कि मिलावटी नारियल तेल की जांच की जाए और उसकी मार्केटिंग पर रोक लगाई जाए।