ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने की योजना बनेगी हकीकत

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नयी दिल्ली। बिजली मंत्री आर के सिंह ने बुधवार को कहा कि ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की योजना जल्दी ही हकीकत बनेगी। उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र में उत्पादन तथा पारेषण की पर्याप्त क्षमता के साथ वितरण कंपनियों की स्थिति में सुधार के लिये उठाये जा रहे कदमों को देखते हुए इस योजना के क्रियान्वयन में कोई समस्या नहीं होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि बिजली वितरण कंपनियों में सुधार लाने की उदय योजना को नया रूप दिया जा रहा है और इसके चालू वित्त वर्ष में आने की संभावना है। सिंह ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘नई टैरिफ पालिसी मंत्रिमंडल के पास भेजी जा चुकी है और इसके जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसमें अन्य बातों के अलावा हम ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान करने जा रहे हैं।

वितरण कंपनियां प्राकृतिक आपदा या तकनीकी कारणों को छोड़कर बिजली की कटौती नहीं कर पाएंगी और ऐसा करने पर वितरण कंपनियों को ग्राहकों को जुर्माना देना होगा।’’ इससे जुड़ी बुनियादी ढांचा के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पर्याप्त बिजली उत्पादन क्षमता है। हमारे पास पर्याप्त पारेषण क्षमता है जिसके जरिये देश में बिजली एक छोड़ से दूसरी छोड़ तक भेजी जा सकती है।

वितरण कंपनियों के स्तर पर कुछ समस्या है जिसे दूर करने के लिये हम काम कर रहे हैं।’’ सिंह ने कहा, ‘‘हमने इस साल एक अगस्त से वितरण कंपनियों के लिये बिजली खरीद को लेकर साख पत्र की व्यवस्था को अनिवार्य किया है। साथ ही हम उनके लिये तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) नुकसान को कम करने के लिये कह रहे हैं। अगर उनका नुकसान निश्चित सीमा से अधिक होता है तो उन्हें इस आधार पर बिजली दरें बढ़ानी की अनुमति नहीं होगी। साथ ही इसको हम अनुदान और कर्ज से भी जोड़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र में सुधार तभी मुकम्मल होगा जब वितरण कंपनियां वित्तीय रूप से बेहतर होंगी। सूत्रों के अनुसार नई प्रशुल्क नीति में यह प्रावधान है कि अगर वितरण कंपनियों को 15 प्रतिशत से अधिक तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) नुकसान हो रहा है तो उन्हें इस आधार पर बिजली शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। उदय योजना के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम उदय योजना में बदलाव ला रहे हैं।

इसके तहत निर्धारित प्रदर्शन मानकों का पालन नहीं करने वाले राज्यों को विद्युत क्षेत्र में दिये जाने वाले कोष में कटौती होगी।’’ केंद्र ने कर्ज में डूबी बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय और परिचालन के मामले में पटरी पर लाने के लिये नवंबर 2015 में उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) शुरू की थी। सिंह ने कहा, ‘‘हमने बिजली वितरण क्षेत्र में दूसरे दौर के सुधारों की योजना बनायी है। इसके तहत उदय में बदलाव किया जा रहा है।

इस बारे में राज्यों के साथ मसौदे को साझा किया है। हम इसमें उदय योजना, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) की विशेषताओं को जोड़ने जा रहे हैं।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह (उदय-2) चालू वित्त वर्ष में आ सकता है।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट भाषण में कहा था, ‘‘सरकार उदय योजना के प्रदर्शन का आकलन कर रही है और हम इसमें आगे और सुधार लाया जाएगा।’’ बिजली क्षेत्र में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि हमने पिछले करीब डेढ़ साल में 2.64 करोड़ बिजली के नये ग्राहक (सौभाग्य योजना के तहत) जोड़े हैं।

इसके अलावा मांग में भी लगभग सात प्रतिशत की अच्छी वृद्धि है। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जहां आर्थिक वृद्धि दर छह साल के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत रही वहीं बिजली क्षेत्र (बिजली और बिजली उत्पादन) में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।