नई दिल्ली।देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि देश में कुछ सेक्टरों में डिमांड में गिरावट हुई है, खासतौर से ऑटो सेक्टर में, पर इसे मंदी नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में नकदी है और अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो करने की जरूरत है।
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए रजनीश कुमार ने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा है और अगर वैश्विक स्तर पर परिस्थितियां विपरीत होंगी तो भारत उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 32 उपायों की घोषणा की है जो काफी असरदार साबित होंगे। इन उपायों का उद्देश्य है बैंकिंग और टैक्सेशन में आने वाली बाधाओं को दूर करना।
ऑटो सेल्स में कमी ग्लोबल ट्रेंड
उन्होंने कहा कि एसबीआई जैसे बैंक फिलहाल सुविधाजनक लिक्विडिटी पोजीशन में हैं। इस समय क्रेडिट फ्लो की जरूरत है। एग्रीगेटर मॉडल को लेकर एक नया ट्रेंड आ गया है, लोग अब सफर के लिए ओला, उबर का इस्तेमाल करने लगे हैं। ऐसे में लोग वाहनों को खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यह एक ग्लोबल ट्रेंड है और भारत कोई अपवाद नहीं है। ऑटो सेल्स में कमी ग्लोबल ट्रेंड है।
दूसरी छमाही अर्थव्यवस्था के लिए होगी बेहतर
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खर्चों में बढ़ोतरी और आने वाला त्यौहारी मौसम डिमांड में वृद्धि लाएगा। साल की दूसरी छमाही अर्थव्यवस्था और बैंकिंग के लिए अच्छी होगी। सरकार ने घोषणा की है कि, वह क्रेडिट फ्लो को बढ़ाने के लिए सभी पेमेंट्स को क्लियर करेगी। उम्मीद है कि इससे प्राइवेट सेक्टर इन्वेस्टमेंट भी पुनर्जीवित होगा।