नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी रोकने और कार्यशैली में सुधार करने के लिए सरकार ने नई गाइडलाइंस का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस ड्राफ्ट में ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए उनके जवाबदेही तय कर दी है। सरकार ने इन गाइडलाइंस पर सभी स्टेकहोल्डर्स से 16 सितंबर तक राय मांगी है। सभी पक्षों की राय जानने के बाद अक्टूबर में फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
सरकार ने नई गाइडलाइंस में ग्राहकों के हितों का पूरा ध्यान रखा है। नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को 14 दिनों में पूरा रिफंड करना होगा। साथ ही ग्राहकों की शिकायतों का 1 महीने में समाधान करना होगा। ड्राफ्ट में सरकार ने कहा है कि ग्राहकों की समस्याओं के समाधान के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को एक ग्रीवेंस अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और इसकी जानकारी वेबसाइट पर भी देनी होगी।
सामान की कीमत तय नहीं कर पाएंगी कंपनियां
ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कहा है कि अब कंपनियां सामान की कीमत तय नहीं कर पाएंगी। साथ ही वेबसाइट पर उपलब्ध सभी सामानों की जवाबदेही विक्रेता की होगी। कंपनियों सेल बढ़ाने के लिए फेक रिव्यू भी नहीं करा पाएंगी। कंपनियों को 90 दिन में भारत में रजिस्ट्रेशन भी कराना जरूरी होगा। कंपनियों को विक्रेताओं की पूरी जानकारी के साथ ग्राहकों का डाटा भी सुरक्षित रखना होगा।