कोटा। श्रावणी तीज मेला महोत्सव समिति की ओर से शनिवार को पारंपरिक रूप से तीज माता का पूजन किया गया। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन क्षैत्र में हाट रोड अजय आहुजा पार्क के पास 13 दिवसीय 52वें श्रावणी तीज मेले का शुभारंभ हो गया।
धन्नालाल चेतराम एंड पार्टी के एक दर्जन कलाकारों के द्वारा राजस्थानी वेशभूषा में अलगोजे की विशेष प्रस्तुतियां दी गईं। सावन गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ नरेंद्र एंड पार्टी द्वारा प्रस्तुत चरी नृत्य ने हर किसी का मन मोह लिया। पूजा अर्चना के बाद शोभायात्रा श्रीराम मंदिर से प्रारंभ होकर बजरिया, रानी जी की धर्मशाला के सामने से गुजरते हुए थाना भीम मंडी के सामने नर्बदेश्वर महादेव मंदिर पर आरती के पश्चात विश्राम के लिए भरावा सदन पर पहुंची।
फूलों की पालकी में सवार तीज माता घुड़सवारों के साथ चल रही थीं। हाड़ौती के विशिष्ट परिधान में सुसज्जित महिलाएं तीज माता की पालकी को लेकर चलीं। महिलाओं द्वारा तीज माता की 1100 दीपकों से महाआरती की गई। इस दौरान जगह जगह आतिशबाजी के द्वारा जुलूस का स्वागत किया गया। शोभायात्रा में विभिन्न झांकियां मनमोहक लग रही थीं तो भजन मण्डलियां भी भजनों से रस घोल रही थीं।
शोभायात्रा में तीज माता के अलावा भगवान शिव पार्वती और हनुमान जी भी बग्घी में सवार होकर चल रहे थे। बैण्ड बाजों के साथ श्रद्धालु जयकारों से आसमान गुंजा रहे थे। मेले में राजस्थान राज्य के अलावा विभिन्न प्रांतों से व्यापारी पहुंच चुके हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए मिनी झूले, चकरी, मिकी माउस वालों ने अपना स्थान ले लिया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीसीसी महासचिव पंकज मेहता थे। अध्यक्षता पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी ने की। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव रहे। तीज माता का पूजन पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी, सुनीता भरावा, अलका दुलारी कर्म योगी, नीलम शर्मा, श्रुति भरावा द्वारा किया गया। इससे पहले तीज मेले का भव्य उद्घाटन किया गया। वहीं सामाजिक क्षैत्र में विशिष्ठ कार्य करने वाले 25 लोगों का सम्मान भी किया गया।
ये होंगे कार्यक्रम
मेला अध्यक्ष बसंत भरावा तथा संयोजक श्याम भरावा ने बताया कि मेले के शुभारंभ के साथ ही 13 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ होंगे। मेले में 4 अगस्त को सिने संध्या कार्यक्रम, 5 अगस्त को खाटू श्याम बाबा का जागरण, 6 अगस्त को राजस्थानी कवि सम्मेलन, 7 अगस्त को राजस्थानी लोक कलाकारों के गीत व नृत्य का रंगारंग आयोजन होगा। वहीं 13 दिवसीय मेले का समापन 15 अगस्त को भव्य आतिशबाजी के साथ किया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न प्रांतों से आने वाले व्यापारियों को भी सम्मानित किया जाएगा।