कोटा।जीएसटी के विरोध में कपड़ा कारोबारियों ने गुरूवार से फिर अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है। इससे पहले बुधवार को भी कपड़ा कारोबारियों ने व्यापार बंद रखा और प्रदर्शन करते हुए वित्तमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली। उसके बाद पुतले का दहन किया।
राजस्थान कपड़ा व्यापार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गिर्राज न्याती ने बताया कि सूरत में कपड़ा व्यापारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार से कपड़ा कारोबार अनिश्चितकालीन बंद किया जा रहा है। कपड़े पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया है, जबकि 70 साल से कभी किसी भी कपड़े पर टैक्स नहीं लगा। कपड़े को टैक्स मुक्त करने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है।
कपड़े पर जीएसटी लागू करने के विरोध में स्थानीय कपड़ा व्यापारियों ने बुधवार को कारोबार बंद रखा। दोपहर दो बजे न्यू क्लॉथ मार्केट में सभी कपड़ा व्यापारी एकत्र हुए। यहां से केंद्र सरकार के खिलाफ जीएसटी के विरोध में रैली निकाली। जो सब्जीमंडी क्षेत्र होते हुए पुन: न्यू क्लॉथ मार्केट परिसर पहुंची। यहां पर कपड़ा व्यापारियों ने सरकार के प्रदर्शन किया।
वित्त मंत्री का पुतला जलाया
कपड़ा व्यापारियों ने वित्तमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली , जो जीएमए प्लाजा होती हुई जवाहर मार्केट सब्जीमंडी पहुंची। वहां पुतले का अंतिम संस्कार किया गया। व्यापारी अब इसके विरोध में गुरुवार को अर्द्धनग्न प्रदर्शन करेंगे। गौरतलब है कि जीएसटी का विरोध सबसे पहले कपड़ा व्यापारियों ने ही किया था। वह पहले भी कई बार कारोबार बंद कर चुके हैं।
आजादी के बाद पहली बार खादी पर टैक्स
खादी पर जीएसटी लागू करने के विरोध में पांच दिन से ब्रिक्री और प्रोडक्शन बंद है। सरकार ने आश्वासन दिया था कि टैक्स नहीं लगेगा। गांधी टोपी, राष्ट्रीय ध्वज और धागे को टैक्स फ्री किया है। इसके प्रभाव से खादी संस्थाएं खत्म जाएंगी।
-कमलकिशोर शर्मा, सचिव, हाड़ौती खादी ग्रामोद्योग समिति कोटा
इधर टैक्स तो उधर छूट रहेगी जारी : खादी पर सालभर केंद्र सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को 15 प्रतिशत छूट दी जाती है। इसके अलावा गांधी जयंती से 31 जनवरी तक राज्य सरकार की ओर से 10 प्रतिशत अलग से छूट रहती है। कुल 25 प्रतिशत छूट मिलती है। जीएसटी लागू होने के बाद भी यह छूट उपभोक्ताओं को मिलती रहेगी।