कोटा। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माना कि कोचिंग पर GST की दर ज्यादा है। परन्तु जीएसटी लागू करने और हटाने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को सुझाव दिया कि यह बात सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से भी करें और उन्हें कहें कि जीएसटी कौंसिल में बात रखें। यदि अलग-अलग प्रदेश के वित्त मंत्री यह बात रखते हैं तो जीएसटी कौंसिल इस पर विचार कर जल्द निर्णय लेगी।
इससे पहले देश के प्रमुख कोचिंग कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को नई दिल्ली में महाराष्ट्र से सांसद पूनम महाजन की अगुवाई में कोचिंग शिक्षा को सामान्य शिक्षा के समान मानते हुए इसे जीएसटी मुक्त करने या जीएसटी की न्यूनतम स्लैब में शामिल करने की मांग को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात की।
इस दौरान राजस्थान के कोचिंग संस्थानों का प्रतिनिधित्व एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट से मुख्य फाइनेंस अधिकारी ललित माहेश्वरी ने पक्ष रखा। प्रतिनिधि मंडल में राजस्थान, महाराष्ट्र, हैदराबाद, बैंगलुरू, मध्यप्रदेश के प्रमुख कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।
माहेश्वरी ने बताया कि इस दौरान कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने कोचिंग शिक्षा पर लिए जाने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को बहुत अधिक बताया और इससे सीधे विद्यार्थियों का प्रभावित होना बताया। उन्होंने कहा कि यदि इसे जीएसटी मुक्त किया जाता है या न्यूनतम स्लैब में रखा जाता है तो इसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को होगा।
देश में इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में करीब 50 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं और इसमें से करीब 25 लाख विद्यार्थी कोचिंग लेते हैं। देश में कोचिंग संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्य को पूर्ण कर रहे हैं। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के कॅरियर बनाने में अहम योगदान दे रहे हैं। ऐसे में कोचिंग संस्थानों को जीएसटी की 18 प्रतिशत स्लैब में रखना अनुचित प्रतीत होता है।
मुलाकात के दौरान वित्त मंत्री को ड्राफ्ट भी दिया गया, जिसमें कोचिंग संस्थानों पर कर भार और विद्यार्थियों पर जीएसटी भार तथा कोचिंग शिक्षा के उद्देश्य को स्पष्ट किया गया। कोचिंग प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं। देश में कोचिंग संस्थान अच्छा प्रयास कर रहे हैं। विद्यार्थियों का कॅरियर बना रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर एक होंगे कोचिंग संस्थान
मुलाकात के बाद कोचिंग संस्थान के प्रतिनिधियों ने मिलकर इन समस्याओं को उचित मंच पर उठाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समिति बनाने का निर्णय लिया। इसमें जिस-जिस प्रदेश में कोचिंग संचालित हैं, वहां-वहां के प्रमुख कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को जोड़कर जीएसटी हटाने समेत अन्य विषयों पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
‘कोटा तो शिक्षा का काशी है‘
ललित माहेश्वरी ने बताया कि बातचीत के दौरान जब कोटा का पक्ष रखा गया तो कोटा के बारे में सुनकर वित्त मंत्री ने भी खूब तारीफ की। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘कोटा तो शिक्षा का काशी है‘ यह तो प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं। कोटा कार्य भी नियमानुसार ही कर रहा है। यह अच्छी बात है और इससे हजारों विद्यार्थियों का कॅरियर बन रहा है। देशभर के स्टूडेंट्स कोटा जा रहे हैं।