समय पर उपाय ही बचा सकता है डेंगू के डंक से

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कोटा। डाॅ. वाई गौतम ने कहा कि डेंगू और स्वाइन फ्लू एक प्रकार का संक्रामक रोग है। यह रोग मच्छर के संक्रमण और रोगी को छूने, हाथ-मिलाने या सीधे संपर्क में आने से फैलता है।वाइरस पीड़ित व्यक्ति के छींकने, खांसने, हाथ मिलाने और गले मिलने से संक्रमण होने की आशंका रहती है।

वे इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से रविवार को आरएसी परेड ग्राउण्ड पर डेंगू और स्वाईन फ्लू आयोजित जनजागृति कार्यक्रम के दौरान सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि डेंगू शरीर को आंतरिक रूप से क्षतिग्रस्त और कमजोर कर देता है। इसका सही समय पर उपचार न होने पर यह घातक साबित हो सकता है।

डेंगू के प्रभावी होने के बाद इसका उपचार करने के बजाए, इससे बचाव के तरीके अपनाना अधिक बेहतर है। डेंगू मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ और खडे़ पानी में पैदा होता है। प्लेटलेट्स कम होना, तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, चमड़ी पर दाने, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द और मसूड़ों व नाक में से खून बहना डेंगू के लक्षण हैं।

डाॅ. केके डंग ने कहा कि स्वाइन फ्लू का वाइरस स्टील, प्लास्टिक में 24 से 48 घंटों तक, कपड़ों में 8 से 12 घंटों तक, टिश्यू पेपर में 15 मिनट तक और हाथों में 30 मिनट तक सक्रिय रहता है। जब हम खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है।

बारिश के मौसम में स्वाइन फ्लू का खतरा
यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। यह वायरस दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी फैल सकता है।

उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है और तेजी से फैलती है। बारिश के मौसम में स्वाइन फ्लू का खतरा अधिक बढ़ जाता है। स्वाइन फ्लूू छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है।

बुखार आने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। इसके साथ ही अगर इलाके में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं, तो बचाव के लिए आप मुंह पर रुमाल या मास्क लगाएं क्योंकि सावधानी ही बचाव है। इसमें एंटीबॉयटिक दवाओं के सेवन से उपचार नहीं होता है, बल्कि स्थिति बदतर हो सकती है।

मच्छरों की रोकथाम करना जरूरी
अध्यक्ष डाॅ.एस सान्याल ने कहा कि संक्रामक बीमारियों मेें डेंगू के डंक से बचाव के लिए समय रहते बचाव करना पड़ता है। उन्होंने सलाह दी कि डेंगू और स्वाईन फ्लू के लक्षण नजर आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तुरंत जांच करवाएं। डेंगू और स्वाई फ्लू की जांच और इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त किया जाता है। इन घातक बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरों की रोकथाम करना जरूरी है।

उन्होंने अपने घरों के आस पास पानी इकट्ठा न होने देने, कूलरों और फ्रिज की ट्रे को हफ्ते में एक बार जरूर साफ करने की सलाह दीं। वहीं नालियों में काले तेल का छिड़काव करने, शरीर को ढक कर रखने और मच्छर मारने वाली दवाई इस्तेमाल करने की बात कही। आरएसी के डिप्टी कमाण्डेंट पवन जैन ने स्वच्छता की शपथ दिलाई। इस दौरान डाॅ. एनके जोशी, डाॅ. जीसी जैन, डाॅ. सीबीदास गुप्ता, डाॅ. उमेश ठाकर, डाॅ. रीना ठाकर, डाॅ. लोकेश रावत, डाॅ. सुनीता खण्डेलवाल समेत कईं लोग उपस्थित रहे।