-राजकुमार विजय, सीनियर टैक्स कंसल्टेंट
कोटा। 30 सितंबर 2019 तक पैन नंबर और आधार नंबर को लिंक करना अनिवार्य करने की अधिसूचना आयकर अधिनियम के तहत जारी की जा चुकी है। परंतु अभी अगर आपका पैन और आधार नंबर आपस में लिंक नहीं हुए हैं तो आप आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते हैं। 31 जुलाई 2019 व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए रिटर्न भरने की अंतिम तिथि है।
अगर पेन और आधार आपस में लिंक नहीं होते हैं तो आयकर रिटर्न नहीं भरने का जुर्माना 10,000 रुपए आप पर लगेगा। कई सारे उदाहरण देखने को मिल रहे हैं अगर आपके नाम की स्पेलिंग में थोड़ी सी भी मिस्टेक है या आप की जन्म तिथि में अंतर है या आपके पिताजी के नाम में किसी तरह की मामूली गड़बड़ी है तो आधार और पैन को लिंक नहीं किया जा सकता।
संशोधन की व्यवस्था लचर
आधार कार्ड में संशोधन कराने की व्यवस्था इतनी लचर है कि करदाता गिने-चुने आधार सेंटर पर चक्कर लगा- लगा के परेशान हो चुका है। भूल से भी पैन कार्ड में संशोधन का प्रार्थना पत्र लगा दिया तो 6 से लेकर 8 महीनों तक प्रार्थना पत्र का स्टेटस यही बताता है कि आपका प्रार्थना पत्र प्रोसेस में है। आज डिजिटल युग में एक ईमानदार करदाता को इतनी छोटी सी बात के लिए इतनी भारी समस्या से गुजरना पड़ रहा है।
इस समस्या से आम करदाता ही नहीं गुजर रहा है, बल्कि विभाग के आला अधिकारी भी वकीलों के ऑफिस में चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं। करदाता की सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर समय से आयकर रिटर्न दाखिल नहीं हुआ तो उसे कई प्रकार की सहूलियत से महरूम होना पड़ेगा। साथ ही भारी ब्याज पेनल्टी तथा आयकर के नोटिस का भी सामना करना पड़ सकता है।
30 सितंबर तक करना होगा पैन का आधार से लिंक
व्यवहारिक तौर पर नियमानुसार 30 सितंबर 2019 तक जब पैन नंबर और आधार नंबर को लिंक करने का समय दिया गया है तो आयकर रिटर्न में आधार नंबर को लेकर रिटर्न फाइल करने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। इस बारे में शायद विभाग निर्णय करना ही भूल गया है। आयकर रिटर्न भरने का अब तेजी से कार्य करना पड़ेगा। अंतिम तिथि बहुत नजदीक है।
2 करोड़ करदाताओं के पेन आधार से लिंक नहीं
एक मोटे अनुमान के अनुसार लगभग 2 करोड़ आयकरदाताओं की पेन नंबर अभी आधार नंबर से नहीं जुड़ पाए हैं। इसमें खासतौर से वह महिलाएं शामिल है, जिनका शादी के बाद अक्सर सरनेम बदल जाता है। एक दिलचस्प बात यह है कि बुजुर्ग लोगों के हाथों के फिंगर प्रिंट नहीं आने से आधार नंबर में करेक्शन नहीं हो पाता है।
वित्त मंत्रालय के इस अड़ियल रुख से कोटा संभाग में भी बड़ी संख्या में आयकरदाता परेशान हैं। टैक्स बार एसोसिएशन कोटा के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार विजय ने एक पत्र भेजकर केंद्रीय वित्तमंत्री केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन और प्रधानमंत्री कार्यालय को इस समस्या से अवगत कराकर आग्रह किया है कि इस विषय पर जल्दी ही कोई सकारात्मक निर्णय लें, ताकि समय पर आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सके।