हैदराबाद। चांद पर अपना रोवर उतारने के भारत के महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित स्पेस मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च किए जाने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, इसे लेकर देश का उत्साह बढ़ता जा रहा है। अगले महीने 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च होने वाले मिशन के मॉड्यूल्स की झलक इसरो (इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन ) ने बुधवार को दिखाई है। 10 साल में दूसरी बार चांद पर जाने वाले मिशन से जुड़ीं पहली तस्वीरें सामने आने से इसका रोमांच और भी बढ़ गया है।
भारत में बनाया गया है लॉन्च वीइकल
चंद्रयान-2 मिशन के तीन मॉड्यूल्स में से एक ऑर्बिटर, लैंडर और एक रोवर है जिन्हें लॉन्च वीइकल जीएसएलवी एमके lll स्पेस में लेकर जाएगा। खास बात यह है कि इस लॉन्च वीइकल को भारत में ही बनाया गया है। चंद्रयान-2 के लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया है। रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम के अंगर रखा जाएगा और चांद की सतह पर विक्रम के लैंड होने पर इसे डिप्लॉय किया जाएगा।
चांद पर करेगा एक्सपेरिमेंट, नासा की मदद भी
इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर मिशन के दौरान चांद का चक्कर लगाएगा और फिर चांद के साउथ पोल के पास लैंड होगा। चांद की सतह पर पहुंचने पर 6 पहियों वाला प्रज्ञान सतह छोड़ दिया जाएगा जहां यह एक्सपेरिमेंट करेगा। ये सब धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्ट कंट्रोल करेंगे। भारत के लूनर मिशन को आगे ले जाने के अलावा चंद्रयान दो अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी करेगा। यह अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का एक एक्सपेरिमेंट भी लेकर जाएगा।
10 साल में दूसरा मिशन
चंद्रयान-2 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। भारत के लिए यह गौरव का बात है कि 10 साल में दूसरी बार हम चांद पर मिशन भेज रहे हैं। चंद्रयान-1 2009 में भेजा गया था। हालांकि, उसमें रोवर शामिल नहीं था। चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपैक्टर था जो चांद के साउथ पोल पर पहुंचा था।